नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के प्रमुख बीएस धनोआ ने पड़ोसी देशों से भारत को बढ़ते खतरे का अंदेशा जताते हुए बुधवार को कहा कि हम सीमा पार से विद्रोह का सामना कर रहे हैं. हमारे पड़ोसी देश खाली नहीं बैठे हैं. उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि तिब्बत में चीन ने लड़ाकू विमान तैनात किए हैं. हमें और ज्यादा लडाकू विमानों की जरूरत है.
#WATCH What we do not have are the numbers, against a sanctioned strength of 42 squadrons, we are down to 31. Even when we do have 42 squadrons, we will be below the combined numbers of two of our regional adversaries:Air Force Chief Birender Singh Dhanoa in Delhi pic.twitter.com/DKa6sQHDva
— ANI (@ANI) September 12, 2018
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि राफेल विमान और मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 प्रदान करके सरकार भारतीय सेना को मजबूत कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारे पास स्वीकृत शक्ति की तलुना में लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन नहीं है. हमारे पास 31 स्क्वाड्रन हैं. यहां तक कि 42 स्क्वाड्रन के मुकाबले हम अपने दो क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों की संयुक्त संख्या से नीचे होंगे.
By providing the #Rafale and S-400, the government is strengthening the Indian Air Force to counter the short falls of our depleting numbers: Birender Singh Dhanoa, Air Force Chief in Delhi pic.twitter.com/kUesqUuMNr
— ANI (@ANI) September 12, 2018
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बीते अप्रैल माह में भारतीय वायुसेना के प्रमुख बी एस धनोआ ने कहा था कि चीन भारत सीमा पर तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में अपनी हवाई ताकत को बढ़ा रहा है. एयर चीफ मार्शल ने एक संबोधन में कहा कि सभी आकस्मिक स्थितियों में अभियानों के पूर्ण संचालन के लिए लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है. मौजूदा समय में आईएएफ के पास लडाकू विमानों के केवल 31 स्क्वाड्रन हैं. उन्होंने हालांकि कहा कि जब भी जरूरत होगी तो आईएएफ में ‘‘तेजी’’ से युद्ध लड़ने की क्षमता है.
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों द्वारा लगातार किये जा रहे हमलों से संकेत मिलता है कि कुछ क्षेत्रों में भारतीय प्रतिरोध काम नहीं कर रहा है और उन्होंने जोर दिया कि इस क्षेत्र में क्षमताओं को बढाने की जरूरत है ताकि इस्लामाबाद के रूख व्यवहारगत परिवर्तन सुनिश्चित किया जा सके.