नई दिल्ली। तेलंगाना में टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के सीएम पद से इस्तीफा देने और विधानसभा भंग करने की सिफारिश के बाद राज्य में समय से पहले चुनाव का दांव चला है. वहीं, केसीआर को मात देने के लिए विपक्ष ने भी बड़ा दांव चला है.
राज्य की तीन प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने केसीआर के खिलाफ महागठबंधन बनाने का ऐलान किया है, जिसमे कांग्रेस, टीडीपी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) शामिल हैं. तीनों दलों ने मिलकर तेलंगाना में चुनाव में उतरने का फैसला किया है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में केसीआर की पार्टी टीआरएस के मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने इसके संकेत भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर टीआरएस को सत्ता से बाहर कर सकते हैं, क्योंकि मौजूदा शासन ने तेलंगाना को बर्बाद कर दिया है.
रेड्डी ने टीडीपी सहित अन्य पार्टियों और गैर राजनीतिक संगठनों को साथ आने की अपनी अपील दोहराते हुए राज्य में टीआरएस को सत्ता से बाहर करने की बात कही. बता दें कि कांग्रेस ने तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनाव में छोटे दलों से गठबंधन पर बातचीत करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है.
राज्य राष्ट्रपति शासन की मांग
तेलंगाना में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. विपक्ष का कहना है कि जबतक प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नहीं आ जाता है तब तक यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.
इस संबंध में टीडीपी, कांग्रेस, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
कांग्रेस नेता आरसी खुंटियां ने कहा कि तेलंगाना में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और टीआरएस को छोड़कर राज्य के दूसरे दलों के साथ तालमेल की बातचीत करेंगे. यह महागठबंधन आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव की राह तय करेगा और हम एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में भी मैदान में उतरेंगे.
उनका कहना है कि यह अभी प्राथमिक चरण पर है, हमने अभी सीटों के बंटवारे पर बात नहीं की है, लेकिन हमने एक बड़े गठंबधन की ओर आगे बढ़ने का फैसला लिया है, जिसमे टीडीपी भी शामिल है, इसमे हम कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को तय करेंगे.