इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पहली बार शक्तिशाली जासूसी एजेंसी आईएसआई के मुख्यालय गए और उसे देश की ‘रक्षा की पहली पंक्ति’ बताया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के साथ खान को विभिन्न सामरिक खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
सेना के मीडिया प्रकोष्ठ ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए, खासकर आतंकवाद विरोधी प्रयासों में आईएसआई के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि आईएसआई रक्षा की हमारी पहली पंक्ति है और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खुफिया एजेंसी के रूप में काम कर रही है.
इमरान खान ने आईएसआई के अधिकारियों से कहा कि उनकी सरकार और पाकिस्तान के लोग सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों के पीछे दृढ़ता से खड़े हैं. उन्होंने इन संस्थानों की ‘अभूतपूर्व उपलब्धियों’ की सराहना की.
बता दें कुछ समय पहले ही 7 सितंबर को एक असामान्य कदम के तहत पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने तख्तापलट की आशंका से दो-चार रहने वाले देश में लोकतंत्र और संस्थानों को मजबूत करने की आवश्यकता की वकालत की थी और प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मंच साझा किया थी.
रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय में उसके द्वारा आयोजित रक्षा एवं शहीद दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाजवा ने कहा कि लोकतंत्र की निरंतरता देश के विकास और प्रगति के लिए जरुरी है.
उनका यह महवपूर्ण बयान ऐसे वक्त में आया था जब महज दो दिन पहले यात्रा पर आए अमेरिका के विदेश मंत्री ने बाजवा को पाकिस्तान में मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों के महत्व पर ताकीद दी थी. सेना प्रमुख ने कहा कि देश के स्थायित्व और प्रगति के लिए लोकतंत्र का बड़ा महत्व है. डॉन अखबार के अनुसार उन्होंने कहा था,‘लोकतंत्र सही मायने में लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन किये बगैर और संस्थानों को मजबूत किये बिना नहीं फल-फूल सकता.’