नई दिल्ली। दिल्ली युनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनावों में ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की खबरों के बीच चुनाव आयोग ने सफाई दी है कि डूसू चुनाव कराने के लिए आयोग की तरफ से या राज्य चुनाव आयोग के तरफ से कोई मशीन नहीं दी गई. आयोग का कहना है कि युनिवर्सिटी प्रशासन ने यह मशीनें निजी स्तर पर मंगाई थीं.
मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि ईवीएम को लेकर कुछ सवाल खड़े किए गए हैं जिसे लेकर चुनाव आयोग यह बताने के लिए बाध्य है कि भारतीय निर्वाचन आयोग या फिर राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से दिल्लीयूनिवर्सिटी चुनाव कराने के लिए ईवीएम मशीनें नहीं दी गई हैं. आयोग ने कहा है कि उसे लगता है कि यह मशीनें विश्वविद्यालय प्रशासन ने निजी स्तर पर मंगाई थीं. आयोग की तरफ से कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से बात करने के बाद इस बाबत एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही प्रस्तुत की जाएगी.
गौरतलब है कि इससे पहले ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी होने पर डूसू की मतगणना कुछ घंटों के लिए रोक दी गई थी और विभिन्न छात्र संगठनों ने हंगामा किया था. मतगणना रुकने से पहले, शुरुआती रुझान में कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई अध्यक्ष पद पर बढत बनाए हुए थी जबकि एबीवीपी उम्मीदवार उपाध्यक्ष पद पर आगे चल रही थी.
बताया जा रहा है कि मतगणना रोकने तक एक ईवीएम में 10वें नंबर के बटन पर चालीस वोट पड़े थे. जबकि नोटा को मिलाकर कुल 9 ही उम्मीदवार थे. यानी 10वें नंबर का बटन काम नहीं करना चाहिए था इसके बाद भी उसमें वोट पड़े. हालांकि, इस पर अभी किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है. तोड़फोड़ के दौरान ही ABVP के सचिव पद के उम्मीदवार के हाथ में चोट भी लग गई.
वहीं NSUI की ओर से कहा गया है कि हम अध्यक्ष और सचिव पद पर जीत रहे थे, लेकिन तभी ईवीएम में गड़बड़ी होनी शुरू हो गई. साफ है कि कुछ गड़बड़ी की गई है. वहीं NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान का कहना है कि हम चारों सीटें जीत रहे थे, इसमें सरकार ने गड़बड़ी की है.