नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुए छात्रसंघ चुनाव के नतीजे रविवार दोपहर को घोषित कर दिए गए. इसमें लेफ्ट यूनिटी ने सभी चारों सीटों पर बाजी मारी है. एबीवीपी को इसमें एक भी सीट नहीं मिली. नतीजों के अनुसार एन साई बालाजी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है. वहीं सारिका चौधरी ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की. वहीं जनरल सेक्रेटरी पद पर एजाज अहमद और ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर अमुथा जयदीप ने बाजी मारी.
#JNUSUElection2018: United Left Alliance sweeps the election; N Sai Balaji elected as the President, Sarika Chaudhary as the Vice President, Aejaz Ahmed Rather as the General Secretary and Amutha Jayadeep as the Joint Secretary. pic.twitter.com/YxeicXkxv2
— ANI (@ANI) September 16, 2018
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव (जेएनयूएसयू) में उपाध्यक्ष पद पर लेफ्ट की उम्मीदवार सारिका चौधरी ने 2309 वोटों के साथ जीत हासिल की है. वहीं एबीवीपी की गीताश्री 871 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. लेफ्ट के ही उम्मीदवार एन साईं बालाजी को चुनाव में कुल 1871 वोट मिले. एबीवीपी के ललित पांडे 937 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
बता दें कि छात्रसंघ चुनाव के बाद शुरू हुई मतगणना को तनाव के कारण रोकना पड़ा था. इसके बाद मतगणना 15 घंटे बाद शनिवार शाम को फिर शुरू हुई थी. माना जा रहा था कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव के नतीजे रविवार शाम तक घोषित किए जा सकते हैं लेकिन नतीजे दोपहर में ही सामने आ गए.
इससे पहले चुनावों में मतों की गिनती को निर्वाचन अधिकारियों ने मतगणना स्थल पर जबरन प्रवेश और मतपेटियों को छीनने के प्रयासों का हवाला देकर शनिवार को स्थगित कर दिया गया था. वहीं मतगणना प्रक्रिया के शुरू होने की जानकारी न मिलने का दावा करते हुए एबीवीपी ने प्रदर्शन किया था.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने चुनाव अधिकारियों पर वामपंथी संगठनों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए अदालत जाने की धमकी दी थी. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गतिरोध 12 घंटे से बरकरार है. वामपंथी संगठनों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी कार्यकर्ता हिंसा में शामिल थे हालांकि भगवा संगठन ने इससे इनकार किया है.
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनावों में छात्रों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था और कुल 67.8 प्रतिशत मतदान हुआ. इसे छह वर्षों में सबसे अधिक माना जा रहा है. इसमें 5,000 से अधिक छात्रों ने मतदान किया. वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) इस बार ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ गठबंधन बना कर चुनाव लड़ रहे थे.