नई दिल्ली। लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया. उनकी बिगड़ती तबीयत को देखते हुए यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि राज्य में उनकी जगह किसी अन्य को नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. विनय तेंदुलकर का कहना है कि राज्य की लीडरशिप में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. मनोहर पर्रिकर ही गोवा के मुख्यमंत्री हैं और वो ही रहेंगे.
रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए एम्स पहुंचे. राजनाथ ने ट्वीट कर कहा कि उनके इलाज की निगरानी रख रहे डॉक्टरों से भी बात की. मैं उनके शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं.
बता दें कि पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे हैं. पर्रिकर 6 सितंबर को ही अमेरिका से इलाज कराकर भारत लौटे हैं. वहां करीब एक हफ्ते तक उनका इलाज चला था. इससे पहले मुख्यमंत्री पर्रिकर ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध करते हुए कहा था कि राज्य के नेतृत्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए.
मनोहर पर्रिकर का इलाज होने में लंबा वक्त लग सकता है, इसलिए उन्होंने पार्टी से कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का अनुरोध किया. पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पर्रिकर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को फोन कर कहा है कि राज्य में नेतृत्व के लिए कोई दूसरी व्यवस्था की जाए.
सुधीन धवलीकर के नाम की थीं अटकलें
शुक्रवार शाम को सुधीन ने गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से अस्पताल में मुलाकात की थी जिसके बाद यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के नेता सुधीन धवलीकर को अतिरिक्त कार्यभार दिया जा सकता है. सुधीन को मुख्यमंत्री कार्यालय संभालने की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इससे पहले मुख्यमंत्री पर्रिकर की सेहत पर कांग्रेस ने बार-बार सवाल उठाती रही है. कांग्रेस का कहना है कि पर्रिकर पहले अपना फिटनेस सर्टिफिकेट दें, उसके बाद काम करें. मुख्यमंत्री के अक्सर अनुपस्थित रहने तथा उनकी कैबिनेट के 2 अन्य सहकर्मियों के अस्पताल में भर्ती होने के की बात कहते हुए कांग्रेस नेताओं ने पिछले हफ्ते गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से हस्तक्षेप की मांग की.
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि पर्रिकर को काम पर लौटने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र देना चाहिए. मुख्यमंत्री को किस तरह की बीमारी है, उस बारे में पता नहीं चल पाया है. वहीं, दो अन्य मंत्री गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं.
पर्रिकर (62) इससे पहले भी इलाज के लिए अमेरिका में करीब तीन महीने रहे थे. उन्हें किस तरह की बीमारी है, उस बारे में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, यह बताया गया कि उनके अग्नाशय की बीमारी का इलाज चल रहा है.