पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि इस बारे में भारत के साथ अब तक कोई आधिकारिक चर्चा नहीं हुई है. पाकिस्तान की ओर से आया यह बयान सिद्धू के दावे से ठीक उलट है.
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान से भारत आने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पाकिस्तान सरकार ने करतारपुर रूट को खोलने का फैसला किया है और इस बारे में भारत को अपनी मंशा भी बताई है. सिद्धू ने कहा था कि उनकी पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल बाजवा के साथ करतारपुर रूट पर बात हुई थी.
इसके अलावा सिद्धू ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तारीफ की थी और कहा था कि वह दोनों देशों के संबंध सुधारने और शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं.
इससे पहले सिद्धू के पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के साथ गले मिलने पर भी विवाद हो गया था. इस पर भी सिद्धू को सफाई देनी पड़ी थी. इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल सिद्धू को अपने निशाने पर लिए हुए हैं.
पाकिस्तान में जाने पर सिख यात्री गुरु नानक के जन्मस्थान ननकाना साहिब तो चले जाते हैं लेकिन उन्हें करतारपुर साहिब जाने की इजाजत नहीं होती है. करतारपुर साहिब में गुरु नानक ने अपनी जिंदगी के दो आखिरी दशक बिताए थे.
भारत-पाकिस्तान सीमा से तीन किमी दूर स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के लिए गुरुद्वारा डेरा साहिब से रास्ता उपलब्ध कराने की अक्सर मांग उठती रहती है. ऐसा होने पर सिख तीर्थयात्री एक ही दिन में दोनों जगहों पर जा सकेंगे.