नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला कोई भी क्रिकेट मैच किसी ‘जंग’ से कम नहीं होता. इस ‘जंग’ में दोनों तरफ देशभक्ति अपने चरम पर होती है. दोनों देशों की खरबों की आबादी इस जंग का आनंद उठाती है. चाहे मैच की अंतिम गेंद पर लगाया गया छक्का हो या अंतिम ओवर में ली गई विकेट. मैच की हर घटना यादगार बन जाती है. एशिया कप में दोनों शेर एक बार फिर आमने सामने होने वाले हैं. इस बार यह मुकाबला यूएई में हो रहा है. एशिया कप के दौरान 19 सितंबर को दोनों देश आपस में भिड़ेंगे. यह सही मौका है जब हम कुछ ऐसे मुकाबलों को याद कर सकते हैं जो यादगार बन गए.
पेप्सी कप, 1996
शारजाह में होने वाले भारत पाकिस्तान के मैच हमेशा ही खास होते हैं. शारजाह बड़ी संख्या में भारत और पाकिस्तानियों का दूसरा घर सा ही है. लिहाजा दोनों टीमों को लगता है कि वे अपने घर में खेल रही हैं. पेप्सी कप का यह मैच इसलिए खास रहा क्योंकि भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए क्रिकेट इतिहास में पहली बार 300 रन बनाए. सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों शतक लगाए. पाकिस्तान यह मैच 28 रन से हार गया.
विशाखापत्तनम, 2005
यह मैच इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसने यह संकेत दिये कि महेंद्र सिंह धोनी वर्ल्ड कप में एक बड़ी ताकत के रूप में उभरेंगे. धोनी ने इस मैच में 123 गेंदों में 148 रनों की आक्रामक पारी खेली. उन्होंने हर दिशा में शॉट लगाकर वर्ल्ड क्रिकेट का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. उस समय भारत की बल्लेबाजी में सचिन, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज थे. लेकिन धोनी ने इस सबकी चमक फीकी कर दी. धोनी की प्रशंसा दोनों देशों के फैन्स की. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 359 का विशाल स्कोर बनाया. जवाब में पाकिस्तान की पूरी टीम 44.1 ओवर में 298 रन पर आउट हो गई.
एशिया कप, 2012
यह मैच भी 300 से ज्यादा स्कोर वाला मैच रहा. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 329 रनों का लक्ष्य भारत को दिया. इस मैच में विराट कोहली ने खुद को गेम चेज ऑफ द किंग साबित किया. कोहली ने 148 रनों की पारी खेल कर दो ओवर पहले टीम इंडिया को जीत दिलवा दी.
राथमेंस कप फाइनल, शारजाह 1985
ह भारत और पाकिस्तान के बीच क्लासिक मैच था, जिसे फैन्स आज तक नहीं भूले होंगे. इस मैच को इमरान खान की गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है. इमरान ने भारतीय बल्लेबाजी के 125 रनों पर ढेर कर दिया था. ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान एकतरफा मैच जीत जाएगा. लेकिन दर्शकों ने ऐसे मैच की मंजूरी नहीं दी. टीम इंडिया ने शानदार गेंदबाजी की और पाकिस्तानी टीम को महज 87 रन पर आउट करके मैच जीत लिया. यह भारत की सबसे सनसनीखेज जीत थी.
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एशिया कप, 1986
एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान और भारत के बीच मुकाबला था. दोनों टीमों ने उच्चस्तरीय क्रिकेट खेला. सुनील गावस्कर ने 92 रन की पारी खेली जिसकी बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 245 रनों का लक्ष्य दिया. लेकिन ये सब बातें किसी को याद नहीं होंगी. जो बात सबको याद है वह यह कि जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को ऐतिहासिक जीत दिलाई. इस छक्के ने मियांदाद को क्रिकेट की दुनिया में अमर बना दिया. करोड़ों लोग उनके फैन बन गए.
बता दें कि भारतीय टीम छह बार खिताब जीत कर इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम हैं, लेकिन एक ही टीम ऐसी है जिसने भारत को कड़ी टक्कर दी है. अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में 12 मैच खेले गए हैं. भारत ने छह मैच जीते हैं और पांच हारे हैं. एक मैच बारिश की वजह से रद्द हुआ.