नई दिल्ली। हुक्मरान कोई भी हो, सेना का जनरल हो, खालिस नेता हो या एक क्रिकेटर हो पाकिस्तान के खून, नीयत और गंदी साजिशों में कोई बदलाव नहीं आता. एक ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर शांति वार्ता को आगे बढ़ाने की बात करते हैं. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता करने से बाज नहीं आ रहा. पाकिस्तान ने एक बार फिर आस्तीन के सांप जैसा बर्ताव किया है.
सैनिक का गला काटा, गोलियां मारीं
खबर सीमा से सांबा के रामगढ़ सेक्टर में बॉर्डर पर पाकिस्तान रेंजरों और कुख्यात बैट कमांडो ने बीएसएफ जवान नरेंद्र का पहले अपहरण किया फिर उसकी निर्मम हत्या कर दी. इतना ही नहीं शव के साथ भी बर्बरता की गई है. उनका गला काटा गया फिर दो गोलियां मारकर हत्या की गई. शहीद जवान का शव मंगलवार को बरामद हुआ था. नरेंद्र हरियाणा के सोनीपत के कला गांव के रहने वाले थे. जहां आज उन्हें पूरे सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई.
विपक्ष का प्रधानमंत्री मोदी पर हमला
जवान नरेंद्र की हत्या की खबर शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”इसे पढ़िए. आपका ख़ून खौल उठेगा. प्रधान मंत्री जी जवाब दें कि आख़िर कब तक भारत के सैनिकों पर अत्याचार जारी रहेगा? कब तक भारत पाकिस्तान के सामने बेबस रहेगा? आख़िर क्या मजबूरियां हैं प्रधानमंत्री जी की?”
आतंक पर बिना किसी वादे के शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने वाले इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने बाद भी सीमा पर कुछ नहीं बदला है. 18 अगस्त को इमरान पीएम बने, 1 महीने 2 दिन में भारत के 9 जवान शहीद हुए. 6 जवान आतंकी हमले में जबकि एक जवान सीजफायर में शहीद हुआ. वहीं 2 जवान को आतंकियों ने अगवा कर मार डाला.
पांच साल में पाकिस्तान का कितना खून खराबा?
अमेरिका ने आतंक पर पाक की कार्रवाई को नकारा
अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई और आतंकी नेटवर्क के खात्मे के लिए उठाए जा रहे कदमों को ना काफी करार दिया है. आतंकवाद पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ताज़ा कंट्री रिपोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर कठघरे में खड़ा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर और जैश जैसे समूह अब भी पाकिस्तान में खुले आम पैसा उगाही कर आतंकियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. मुम्बई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को हाउस अरेस्ट से भी रिहा कर दिया गया.
आतंक पर लगाम के बिना बातचीत नहीं: भारत
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक द्विपक्षीय वार्ता के संदर्भ में भारत अपने रुख पर कायम है कि जब तक सीमा-पार आतंकवाद नहीं रुकता और सरहद पर हिंसा का सिलसिला जारी रहता है तब तक बातचीत संभव नहीं है. टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते यह भारत लगातार कहता रहा है. सार्क के आयोजन पर भारत अपने मत पर बरकरार है कि जब तक माहौल में माकूल सुधार नहीं होता तब तक ऐसी किसी क्षेत्रीय बैठक का आयोजन संभव नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बीच द्विपक्षीय मुलकात का अभी कोई कार्यक्रम नहीं है. निर्धारित परंपरा के अनुसार UN महासभा बैठक के हाशिए पर सार्क विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक होती है.