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यूपी एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने मायावती और अखिलेश पर लगाए आरोप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि एक ने आयोग को कमजोर बनाया तो दूसरे ने उसका दुरुपयोग किया है.

बृजलाल ने कहा कि मायावती और अखिलेश सरकार ने एससी/एसटी एक्ट-1995 के दुरुपयोग व आयोग में गैर एससी/एसटी को पदाधिकारी व सदस्य बनाकर आयोग को कमजोर बनाया.

उन्होंने कहा, “मायावती ने मुख्यमंत्री रहते 21 नवंबर, 2007 को एक्ट में संशोधन के जरिए आयोग के पदाधिकारियों व सदस्यों के एससी/एसटी होने की बाध्यता समाप्त करा दी थी, जबकि पिछड़ा वर्ग आयोग व अल्पसंख्यक आयोग में ऐसा नहीं है.”

बृजलाल ने कहा कि अखिलेश सरकार ने एक्ट में संशोधन का पूरा लाभ उठाया और आयोग में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग के तथा 17 में 12 सदस्य गैर एससी/एसटी नियुक्त किए.

बृजलाल ने कहा कि आयोग एक्ट में संशोधन के लिए सरकार को पत्र भेज रहा है. बृजलाल ने गुरुवार को अपने कार्यकाल में नियुक्त किए गए दोनों उपाध्यक्ष व 16 सदस्यों के साथ आयोग की पहली बैठक की.

उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल को पदभार ग्रहण करने के बाद पांच माह के कार्यकाल में आयोग ने सुनवाई के दौरान 42 गंभीर प्रकरणों में एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग किया जाना पाया.

बृजलाल ने कहा कि इन झूठी शिकायतों को निरस्त करते हुए आयोग ने कार्रवाई का आदेश दिया है. इनमें मथुरा में मासूम की हत्या के मामले में एक परिवार के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराए जाने व बच्चे की मां के द्वारा गलत तरीके से मुआवजा हासिल करने का मामला भी शामिल है.

बृजलाल ने बताया कि जब उन्होंने पदभार ग्रहण किया था, तब आयोग में 757 मामले लंबित थे. बीते पांच माह में 1665 शिकायतें आईं. अब तक कुल 2422 मामलों में सुनवाई की गई है, जिनमें 1149 उत्पीड़न के, 466 राजस्व के तथा 229 विभागीय मामले शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि आयोग ने 1844 प्रकरणों का निस्तारण किया है. वर्तमान में 578 मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है. पांच माह में आर्थिक सहायता संबंधी 71 प्रकरणों का निस्तारण कराकर पीड़ितों को 1,05,76,250 रुपये मुआवजा दिलाया गया है.

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