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‘हार्दिक पांड्या के साथ धैर्य रखें, दो साल में बन सकते हैं बेन स्टोक्स’

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर लांस क्लूजनर का मानना है कि हार्दिक पंड्या भविष्य में बेन स्टोक्स के करीब पहुंच सकते हैं, लेकिन इसके लिए भारतीय टीम प्रबंधन को कम से कम दो साल के लिए उनके साथ ‘संयम’ बरतना होगा. लांस क्लूजनर ने एक इंटरव्यू में कहा, ”दुनिया के मौजूदा ऑलराउंडर में बेन स्टोक्स सबसे ऊपर हैं. कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हुए हैं जो आए और चले गए, लेकिन निश्चित रूप से हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी को इस स्तर पर एक या दो साल दो, तो वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर में से एक बन सकता है.”

लांस क्लूजनर वह विजय हजारे ट्रॉफी के लिए दिल्ली की टीम के सहायक कोच हैं और अभी यहां आए हुए हैं. उन्होंने हार्दिक पांड्या की हरफनमौला काबिलियत के बारे में बात करते हुए कहा, ”मुझे लगता है कि हमें तुलना करते हुए सतर्क रहना चाहिए. हर कोई हार्दिक की तुलना महान खिलाड़ी कपिल देव से करना चाहता है. इसमें कोई शक नहीं हार्दिक को कुछ चीजें सीखने की जरूरत है. मुझे लगता है कि हार्दिक की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितनी चीजें सीख पाता है.”

इंग्लैंड में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन की आलोचना हो रही है. वर्ष 1999 विश्व कप में ‘प्लेयर ऑफ द टूनामेंट’ रहे लांस क्लूजनर ने कहा कि हार्दिक पांड्या के पास हुनर निखारने के लिए अभी अच्छा समर्थन है.

लांस क्लूजनर ने कहा, ”मुझे लगता है कि वह भारतीय व्यवस्था में सही हाथों में हैं. मुझे लगता है कि लोगों को उसके साथ और अधिक संयम बरतने की जरूरत है.”

Ben Stokes

बता दें कि इंग्लैंड दौरे से वन-डे और टेस्ट मैच सीरीज हार कर लौटी टीम इंडिया को हर तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ा है. भारत 3 मैचों की वन-डे सीरीज 1-2 से और 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 1-5 से हारा था. इंग्लैंड में मिली इस हार के लिए रवि शास्त्री की कोचिंग, विराट कोहली की कप्तानी, टीम सलेक्टर्स की सलेक्शन और खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस पर कई सवाल उठाए गए.

टेस्ट क्रिकेट में हार्दिक पांड्या की ऑलराउंड क्षमता में विराट कोहली के अति विश्वास पर भी सवाल उठाए गए. उन्होंने 164 रन बनाए जिसमें ट्रेंट ब्रिज में अर्धशतकीय पारी उन्हें उस समय खेली जब भारत पारी घोषित करने की ओर बढ़ रहा था. इसके अलावा 4 टेस्ट में वह बल्ले से प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे. हार्दिक पांड्या के पास छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने का रक्षात्मक कौशल नहीं है और स्विंग लेती गेंदों के खिलाफ उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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