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भाई के सेक्‍युलर मोर्चा गठन के बीच मुलायम ने शिवपाल को नहीं अखिलेश को दिया आशीर्वाद

नई दिल्‍ली। सपा में शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रही रस्‍साकशी के बीच पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अभी तक खामोशी अख्तियार कर रखी है. शिवपालय यादव के सेक्‍युलर मोर्चा बनाए जाने के बाद अपनी खामोशी तोड़ते हुए मुलायम सिंह यादव अब अखिलेश यादव की साइकिल रैली में पहुंचे. इस अवसर पर बोलते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा, ”महिलाओं को विशेष आदर दिया जाए, ये सपा का लक्ष्य है. नौजवानों अब आपसे ही आशा है कि जिस प्रकार से आज पूरे देश में भ्रष्टाचार पूरा का पूरा छाया हुआ है, दिल्ली हो या लखनऊ में पूरे उनके नेता भ्रष्टाचार में डूबे हैं, पैसा कमा रहे हैं, कोई ऐसा काम मत करना कि कोई आरोप लगा सके. मधुर भाषा भी हो. आपको आशीर्वाद देते हैं कि आगे चलकर समाजवादी पार्टी को मजबूत करें. सपा को मजबूत करने से देश, किसान और नौजवान मजबूत होगा. देश में 2 करोड़ बेरोज़गार हैं. मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि आपने कहा था कि सभी को नौकरी देंगे, 15 लाख देंगे लेकिन उन्होंने एक रुपया भी नहीं दिया.”

मुलायम सिंह ने कहा, ”सपा की करनी और कथनी में कोई अंतर नहीं है. यूपी में हमने बेरोज़गारी भत्ता दिया. हमारी पार्टी जवान रहेगी….नौजवानों के हाथ में रहेगी पार्टी. उन्‍होंने अपील करते हुए कहा कि वादा करके जाओ कि यूपी में सरकार बनाएंगे और दिल्ली में भी हमारा हिस्सा हो जाए. चुनाव जिताना है, सांसद बनाना है. महिलाओं को ज़्यादा खड़ा करना है. महिलाओं को चुनाव लड़ाइए, पदाधिकारी बनाएं. अखिलेश से कहूंगा कि हर कमेटी में महिला हो. ब्लॉक से लेकर चुनाव तक महिलाएं सपा में हों. महिलाओं की तादाद 47% है. आप सब को लेकर चलें.”

इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने सपा को जिताने की अपील की और अपना समर्थन अखिलेश यादव को दिया.

mulayam singh

अखिलेश यादव
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, ”हम साइकिल चलाना चाहते हैं. जंतर-मंतर से लड़ते-लड़ते लोग अपनी बात सरकार तक पहुंचाते हैं. साइकिल चलाकर सपा को जगाने और उत्साह देने का काम हुआ है.सामाजिक न्याय देश की ज़रूरत है. लोकतंत्र में अगर न्याय ना मिले तो हमें आवाज़ उठानी पड़ेगी. आज नेताजी के आने से जो ऊर्जा हमें मिली है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती. नेताजी का हर सुझाव हम मानेंगे. उनकी हर बात मानेंगे. आधी आबादी को हम मुख्यधारा में लाएंगे. नेताजी हम पर तो आरोप नहीं लगा सकते हैं, हमने तो अपनी पत्नी को लोकसभा में भेज दिया. हमने तो आधी आबादी संसद में भेज दी है. साइकिल का हैंडल हम लोगों ने हाथ से थामा है तो हम मानते हैं कि एक पहिया बाबा भीमराव आंबेडकर का है और दूसरा लोहिया जी का पहिया है. यूपी से ही रास्ता निकलता है दिल्ली का. इसीलिए वो यूपी में आकर चुनाव लड़े थे.”

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि याद कीजिए वो नोटबंदी…कितना नोटबंदी से भ्रष्टाचार खत्म हो गया? कितना काला धन वापिस आ गया? आज 50,000 से ज़्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं. लाखों की संख्या में कारखाने बंद हो गए. नौकरी और रोज़गार के आज कोई अवसर नहीं है. जीएसटी ने नौकरियां छीन ली और सरकार कहती है कि पकौड़ा बना लो. देश के संसाधनों में कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी कोई नहीं पूछता है.

अखिलेश यादव ने कहा, ”ये साइकिल पार्टी सबसे नौजवान पार्टी है. ये नौजवानों की पार्टी है. किसानों और गरीबों को भरोसा सबसे ज़्यादा सपा के पास है. यूपी को सपा ने आगे ले जाने का काम किया था. बड़ी-बड़ी सड़कें, अस्पताल का इंतज़ाम किया. गन्ना किसान अब दु:खी है…सरकार ने पैसा नहीं दिया. किसानों का पैसा बकाया है और सरकार एवं यूपी के सीएम कहते हैं कि किसान ज़्यादा गन्ना पैदा करता है तो इसीलिए डायबिटीज़ हो रही है. सीएम योगी कहते हैं कि बंदर भगाना है तो हनुमान चालीसा पढ़ो. अब 2019 में पता चलेगा कि कौन भागेगा, सपा ने साइकिल उठा ली है. यूपी के अस्पतालों में जाति पूछकर इलाज होता है, जाति पूछकर थानों में कार्रवाई होती है. जाति विशेष के लोग बड़ी कुर्सियों पर यूपी सरकार में तैनात हैं. साइकिल चलाने का सिलसिला यहां नहीं रूकेगा. हम चाहते हैं कि अब जनगणना हो जानी चाहिए. सामाजिक न्याय तभी संभव है जब जाति की गिनती हो जाए.”

akhilesh yadav

शिवपाल यादव
इससे पहले शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्‍युलर मोर्चा बनाने के साथ दावा किया था कि मुलायम सिंह का आशीर्वाद उनके साथ है. मोर्चे के पोस्‍टर-बैनर-झंडे में भी मुलायम सिंह यादव की तस्‍वीरें लगी थीं. शिवपाल यादव ने यह भी घोषणा की थी कि मुलायम सिंह उनके बैनर तले मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि सपा इस सीट से उनकी उम्‍मीदवारी का बहुत पहले ही ऐलान कर चुकी है. मुलायम सिंह यादव के साथ रिश्तों के बारे में शिवपाल यादव ने कहा था, ‘‘मेरे साथ उनका आशीर्वाद है. मैंने उन्हें मोर्चे के अध्यक्ष पद और मैनपुरी सीट से टिकट की पेशकश की है. मैं मोर्चे का संयोजक हूं. अगर नेताजी (मुलायम) अध्यक्ष का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो हम बाद में विचार करेंगे.”

सूत्रों के मुताबिक सपा की अंदरूनी कलह के बीच मुलायम सिंह का इस तरह अखिलेश यादव की साइकिल रैली में शिरकत करना एक तरह से शिवपाल समेत सपा कैडर को पूरी तरह से साफ संदेश है कि वह किस तरफ खड़े हैं. ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के सेक्‍युलर मोर्चे के बारे में अभी तक कोई टिप्‍पणी नहीं की है. यह इसलिए भी अहम है क्‍योंकि शिवपाल यादव ने करीब डेढ़ साल पहले इस तरह के समाजवादी सेक्‍युलर मोर्चे के गठन की बात कही थी लेकिन दबाव के बावजूद मुलायम सिंह ने उनका समर्थन नहीं किया था. इस कारण उस वक्‍त शिवपाल यादव को अपने प्‍लान को टालना पड़ा था.

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