नई दिल्ली। भारत ने एशिया कप में लगातार दूसरी बार पाकिस्तानी को खेल-खेल में हरा दिया. उसने रविवार को पहले पाकिस्तानी टीम को 237 रन पर रोका. फिर जीत के लिए जरूरी रन महज 39.3 ओवर में बना लिए. भारत ने यह मैच 9 विकेट से जीता. यह पाकिस्तान के खिलाफ विकेट के आधार पर भारत की सबसे बड़ी जीत है. वह पाकिस्तान को इससे पहले 6 बार 8-8 विकेट से हरा चुका है. भारतीय जीत के 5 कारण:
स्पिन जोड़ी ने मिलकर किया शिकार
युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव पिछले मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे. शायद वे पाकिस्तान के खिलाफ इस मैच का इंतजार कर रहे थे. इस मैच में भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर और जसप्रीत बुमराह भारत को जल्दी विकेट दिलाने में नाकाम रहे. इस पर कप्तान रोहित शर्मा ने युजवेंद्र और कुलदीप को विकेट दिला दी. इन दोनों ने निराश भी नहीं किया. युजवेंद्र ने इमाम उल हक को आउट कर भारत को पहली कामयाबी दिलाई. इसके थोड़ी देर बाद कुलदीप ने फखर जमां को आउट कर भारत को दूसरी कामयाबी दिलाई.
महेंद्र सिंह धोनी का रिव्यू
पहले मैच में शिकस्त खा चुकी पाकिस्तान की टीम ने इस मैच में सधी हुई शुरुआत की. 7.6 ओवर तक कोई विकेट नहीं गंवाया. यहां तक उनकी रणनीति बिल्कुल ठीक चल रही थी. लेकिन इसी ओवर की आखिरी बॉल पर युजवेंद्र चहल की फिरकी में पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज इमाम उलझ गए. हालांकि अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया, लेकिन बाद में धोनी के कहने पर रोहित ने रिव्यू लिया और पाकिस्तान को पहला विकेट गंवाना पड़ा. इसके बाद देरी से जमे फकर जमान 31 रन पर रन आउट हो गए. वह भी धोनी की रणनीति का शिकार बने. दरअसल जब वह रन लेने के लिए दौड़ रहे थे, तब सरफराज अहमद ने उन्हें रोका, वह वापस लौटे, लेकिन धोनी ने चहल को अपनी तरफ थ्रो न करने की बजाए जडेजा को थ्रो देने के लिए कहा. थ्रो सीधे जडेजा के हाथ में था, इसके बाद फकर जमां आउट हो गए.
बुमराह की स्लॉग ओवर में शानदार गेंदबाजी
बुमराह ने आखिरी 4 ओवर में सिर्फ 15 रन दिए और दो विकेट लिए. उनके इसी प्रदर्शन की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 240 से कम स्कोर पर रोक दिया. एक समय ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान की टीम 260 से बड़ा स्कोर बना सकती है. जसप्रीत बुमराह ने 10 ओवर के अपने स्पेल में सिर्फ 29 रन खर्च किए. उन्होंने एक मेडन ओवर भी फेंका.
दो भारतीयों ने एक साथ बनाए शतक
भारत की ओर से इस मैच में दो भारतीयों शिखर धवन (114) और रोहित शर्मा (111 नाबाद) ने शतक जमाए. दोनों बल्लेबाजों ने 210 रन की साझेदारी की. यह सिर्फ तीसरा मौका है, जब भारत के दो बल्लेबाजों ने पाकिस्तान के खिलाफ शतक बनाए हैं. इससे पहले 1996 में सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू और 2005 में वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ ऐसा कर चुके हैं.
पाकिस्तान की उल्टी रणनीति और कैच छूटना
इस मैच में पाकिस्तान ने अपने विकेट बचाने की कोशिश की. इसमें पहले तो वह कामयाब हुए, लेकिन बाद में उन्होंने विकेट जल्दी जल्दी गंवा दिए. बीच में उनकी स्थिति संभली भी, लेकिन अंत 7 ओवरों में रन बहुत धीमी गति से बने. यही कारण रहा कि पाकिस्तान 250 के पार नहीं जा पाया. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से रही सही कसर उनकी कमजोर फील्डिंग ने कर दी. अकेले रोहित शर्मा के दो आसान से कैच पाकिस्तानी फील्डरों ने छोड़े. रोहित ने बाद में शतक जमाया.