मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार ने पूरे देश के मदरसों के अध्यापकों को कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के तहत आईआईएम, जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। सरकार के मुताबिक इस कदम से वहां पढ़ने वाले छात्र मुख्यधारा से जुड़ेंगे।
अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत आने वाला मौलाना आजाद एजुकेशनल फांउडेशन इसका पाठ्यक्रम तैयार करने में जुटा है। फाउंडेशन के सचिव रिजवानुर रहमान ने बताया कि उनके फाउंडेशन ने ही शुरूआती प्रस्ताव मंत्रालय को दिया था। एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश के कुछ चुनिंदा आईआईएम संस्थानों के अलावा जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से टीचर्स को ट्रेनिंग देने की बात चल रही है।
रहमान के मुताबिक यह कोर्स 10 से 15 दिन का होगा, जिसकी फीडबैक मिलने के बाद अवधि और बढ़ाई जा सकती है। इसका पाठ्यक्रम महीनेभर के भीतर तैयार हो जाएगा और अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे।