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राफेल पर शरद पवार के बयान से नाराज तारिक अनवर ने छोड़ी एनसीपी

नई दिल्ली। 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मु्द्दे पर कांग्रेस से बगवात कर शरद पवार के साथ मिलकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (एनसीपी) की नींव रखने वाले तारिक अनवर ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. अनवर ने एनसीपी छोड़ने के साथ-साथ लोकसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है.

तारिक अनवर ने आजतक से इस्तीफा देने की बात को स्वीकारा और कहा, ‘मैंने एनसीपी छोड़ दी है और लोकसभा सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया है.

तारिक अनवर ने कहा, पवार साहब का राफेल पर बयान मुझे ठीक नहीं लगा. एनसीपी की तरफ से सफाई आई, लेकिन वो सही नही है. पवार साहब ने जब बयान दिया था तो खुद उनको सफाई देनी चाहिए थी. हालांकि उनकी तरफ से खुद कोई सफाई नहीं आई तो मैंने इस्तीफा दे दिया.

एनसीपी छोड़ने के बाद किस पार्टी में जाएंगे इस सवाल पर तारिक अनवर ने कहा कि ये अभी तय नहीं है. समर्थकों से बात करने के बाद तय करूंगा. इसके बाद बताउंगा.

सूत्रों की मानें तो तारिक अनवर एनसीपी से इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं.2014 के लोकसभा चुनाव में तारिक अनवर बिहार के कटिहार से जीत हासिल की थी.

शरद पवार के राफेल पर मोदी सरकार को समर्थन करने की वजह से तारिक अनवर ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

बता दें कि गुरुवार को राफेल मामले पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मोदी सरकार का समर्थन करने की खबर आई थी, जिस पर बाद में एनसीपी ने सफाई देते हुए कहा था कि ऐसी कोई बात नहीं कही गई है.

1999 में कांग्रेस की कमान जब सोनिया गांधी ने संभाली तो शरद पवार, तारिक अनवर और पीए संगमा ने पार्टी से बगवात कर दी थी. इन तीनों नेताओं ने सोनिया गांधी के विदेश मूल को मुद्दा बनाया था. इसके बाद तीनों नेताओं ने मिलकर एनसीपी का गठन किया था. हालांकि, बाद में यूपीए की जब केंद्र में सरकार बनी को एनसीपी कांग्रेस के साथ आ गई थी.

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