अलीगढ़/लखनऊ। अलीगढ़ में कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर हुए विवाद ने शुक्रवार को नया मोड़ ले लिया. पिछले हफ्ते हुई इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध अपराधी- नौशाद और मुस्तकीम मारे गए थे. पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है. इनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र नेता भी शामिल हैं. इनपर आरोप है कि उन्होंने मुस्तकीम की मां और दादी का अपहरण किया था.
थाना प्रभारी परवेश राणा ने बताया कि मामला गुरुवार को अतरौली थाने में दर्ज किया गया. तहरीर बजरंग दल के सचिव राम कुमार आर्य और मुस्तकीम की पत्नी हिना की ओर से दी गई थी. कार्यकर्ताओं के समूह में जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद भी शामिल हैं लेकिन शिकायत में उनको नामजद नहीं किया गया है.
अलीगढ़ एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, पुलिस ने एनकाउंटर करने से पहले मीडियाकर्मियों को बुलाया जिसके बाद लाइव एनकाउंटर किया गया. कांग्रेस इसको लेकर काफी हमलावर है. मीडिया में जारी वीडियो में साफ दिख रहा है कि अलीगढ़ के एसएसपी और एसपी सिटी सफेद जैकेट पहन कर फायरिंग कर रहे हैं.
वीडियो और तस्वीरों में ऐसा लग रहा है जैसे अधिकारी निशाना लगाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस मामले को लेकर अलीगढ़ के एसएसपी ने जी मीडिया से कहा कि हमने कोई आदेश नहीं दिया था. मीडिया को अगर फोन किया गया होगा तो हम इसकी जांच करेंगे.