नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से लगी भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तान सेना की तरफ से बड़ी गतिविधि देखी गई है. पाकिस्तानी सेना ने बॉर्डर से लगे करीब पांच किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह से खाली करा लिया है. इस इलाके में आने वाले गांवों के लोगों को पाकिस्तानी सेना किसी दूसरे ठिकाने पर लेकर गई है. मौजूदा समय में, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से 5 किमी के दायरे में सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान रेंजर्स ही कमांडोज ही मौजूद है. पाकिस्तान की तरफ से की गई इस कार्रवाई का बड़ी वजह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का डर बताया जा रहा है.
दरअसल, पाकिस्तानी सेना को डर है कि बीएसएफ के हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की निर्मम हत्या से नाराज बीएसएफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकती है. इसी डर से पाकिस्तान सेना बॉर्डर पर मौजूद तमाम इलाकों को खाली कराकर अपने बंकरों में दुबक गई है. दुश्मन सेना और पाक रेंजर्स के जवानों ने इस इलाकों में स्थानीय लोगों के आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. पाकिस्तान द्वारा इलाका खाली कराने की कार्रवाई की पुष्टि बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने भी की है.
सही समय पर सही तरीके से जवाब देगी बीएसएफ
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के महानिदेशक केके शर्मा ने जी-डिजिटल से बातचीत में बताया कि पाकिस्तान की तरफ से होने वाले हर नापाक हरकत का बीएसएफ ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की हत्या के बाद पाकिस्तान को डर है कि बीएसएफ की तरफ से कोई न कोई बड़ी कार्रवाई की जाएगी. लिहाजा, वारदात से पहले ही उसने पूरे इलाके को पूरी तरह से खाली करा लिया था. बीएसएफ को इंतजार है सही वक्त का. बीएसएफ सही समय पर सही तरीके से पाकिस्तान के इस नापाक हरकत का मुंह तोड़ जवाब देगी.
गोली चलाकर पाक करता है घास काटने का विरोध
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि इलाके में लगी घास के चलते इलाके की निगरानी करना मुश्किल हो जाता है. लिहाजा, बीएसएफ की टीम समय समय पर इस इलाके को साफ करती रहती थी. पाकिस्तान की तरफ से बीएसएफ की इस कार्रवाई का हमेशा विरोध किया गया है. विरोध स्वरूप पाकिस्तानी सेना और पाक रेजर्स की तरफ से लगातार फायरिंग की जाती है. बावजूद इसके, बीएसएफ के जवान समय समय पर अपने इलाके को सुरक्षित रखने के लिए यह ड्रिल करते रहते हैं.
पाक की तरफ से हो रही गोलाबारी में फंस गए थे नरेंद्र सिंह
18 सितंबर को जम्मू के रामगढ सेक्टर में हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की निमृम हत्या की घटना के बाबत बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि रूटीन ड्रिल के तहत बीएसएफ की टीम एलीफेंट ग्रास को हटाने गई थी. इसी बीच, विरोध दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग की गई. जिसके चलते, बीएसएफ की टीम मौके से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंची. वहां पहुंचने पर पता चला कि उनका एक साथी मौके पर ही रह गया है. जिसके बाद बीएसएफ की टीमों को जवान की तलाश में मौके पर भेजा गया.
मौके पर मौजूद खून के धब्बों से मिला जवान का सुराग
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि मौके पर पहुंची टीम ने पाया कि हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की कैप और हेलमेट मौके पर पड़ा हुआ है. मौके पर खून के निशान मौजूद थे. ये निशान अंतरराष्ट्रीय सीमा से पाकिस्तान की तरफ जा रहे थे. अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार करना उचित नहीं था, लिहाजा बीएसएफ की एक टीम इस बाबत पाकिस्तान रेंजर्स से संपर्क करने में लग गई. वहीं दूसरी टीम हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की खोज में लगी रही. लेकिन, कोई सफलता नहीं मिल सकी.
पाक क्षेत्र में मिला था BSF जवान का पार्थिव शरीर
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि बीएसएफ की तरफ से पाकिस्तान रेंजर्स को यह संदेश भेजा गया कि बीएसएफ की एक टीम पाकिस्तान के क्षेत्र में आकर अपने जवान को तलाशना चाहती है. बीएसएफ की तरफ से लगातार कोशिश के बावजूद पाकिस्तान रेंजर्स की तरफ से पूरे दिन कोई जवाब नहीं मिला. 18 सितंबर की शाम पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ की बात मान ली. जिसके बाद, बीएसएफ की एक कमांडो टीम को तलाशी के लिए पाकिस्तान के क्षेत्र में भेजा गया. जहां हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर मिल गया.
गोली लगने से हुई हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की शहादत
बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने बताया कि जिस समय नरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को खोजा गया, उस समय उसके पैर बंधे हुए थे. शरीर में तीन गोलियों के निशान थे और गले में तेज धारदार हथियार से वार का निशान था. उन्होंने कहा कि मीडिया में पैर काटने,आंख निकालने सहित दूसरी बर्बरता को जो जिक्र किया गया है, वह पूरी तरह से गलत है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह की शहादत की वजह गोली लगना पाया गया है.