नई दिल्ली। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के साथ बीस साल तक राजनीति करने वाले सांसद तारिक अनवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. आरोप लगाया कि राफेल के मुद्दे पर शरद पवार ने मोदी की तारीफ की. तारिक अनवर के इस्तीफा देने के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना पहले ही बीजेपी से अलग होकर लड़ने की बात कह चुकी है. ऐसे में शरद पवार के पास एनडीए में शामिल होने का खुला विकल्प है.
मोदी की दोबारा वापसी में काम आ सकते हैं शरद पवार
राफेल सौदे को लेकर जहां कांग्रेस चौकीदार चोर का है नारा दे रही है वहीं शरद पवार ने कहा, ‘’ व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि पीएम मोदी की नीयत पर देश के लोगों को कोई शक या शंका नहीं है. राफेल विमान को लेकर तकनीकी जानकारी किसी से साझा करने की कोई जरूरत मैं नहीं समझता.’’
शरद पवार के इस बयान के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्विटर के जरिए उनकी तारीफ की. अमित शाह ने लिखा, ‘’ मुझे लगता है कि देश के पूर्व रक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेता शरद पवार जी ने पार्टी की राजनीति से उठकर देशहित में सच बोला है. राहुल गांधी जी से मेरा सवाल है कि क्या वो अपने गठबंधन के बड़े नेता कि बात मानेंगे?’’
अकेले ही चुनाव लड़ेगी शिवसेना
शिवसेना ने जनवरी में ही एलान कर दिया था कि पार्टी आगे अकेले ही चुनाव लड़ेगी. भले ही शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र की सत्ता में भागीदार है लेकिन बीजेपी से रिश्ते ठीक नहीं हैं. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं. साल 2014 में एनडीए ने 42 सीट जीती थीं. तब कांग्रेस-एनसीपी को 6 सीटें मिली थी.
चुनाव से पहले या चुनाव के बाद एनसीपी और बीजेपी का महाराष्ट्र में गठबंधन हो सकता है. साल 2014 में एनसीपी की वजह से ही महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बची थी. पवार परिवार से मोदी और अमित शाह के अच्छे रिश्ते भी हैं. इतना ही नहीं बिना शिवसेना के जीतने के लिए बीजेपी को मजबूत साथी भी चाहिए.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की एनसीपी को 17 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस को 18 फीसदी और शिवसेना को 19 फीसदी वोट मिले थे. यानी बीजेपी के खिलाफ राज्य भर में चुनाव लड़ने के बाद तीनों पार्टियों की राजनीतिक हैसियत आसपास ही है. ऐसे में एनसीपी और बीजेपी साथ आ जाती है तो लोकसभा सीटों के हिसाब से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में एनडीए 2014 वाला रिजल्ट दोहरा सकता है.