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दक्षिण एशिया के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा, पनाह देने वालों का खात्मा जरूरी : भारत

न्यूयॉर्क। पड़ोसी देश पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षेस के विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद अब भी सबसे बड़ा खतरा है और उसका पोषण करने वाले तंत्र को खत्म करना जरूरी है. बैठक में स्वराज ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय सहयोग तभी सफल हो सकता है जब वह लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरे. इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवली की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दक्षेस के सभी सदस्य देशों भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र से इतर गुरुवार को यह अनौपचारिक बैठक हुई. स्वराज ने अपने बयान में कहा, ‘‘प्रगति और आर्थिक विकास लक्ष्यों को हासिल करने तथा हमारे लोगों की समृद्धि के लिए क्षेत्रीय सहयोग हेतु शांति और सुरक्षा का वातावरण बहुत जरूरी है.  दक्षिण एशिया के लिए खतरा पैदा करने वाली घटनाओं की संख्या बढ़ी है. ’’

स्वराज ने कहा कि क्षेत्र तथा विश्व की शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद को उसके सभी रूपों में और उसकी मदद करने वाले तंत्रों को खत्म करना जरूरी है. ’’ स्वराज ने इस बात पर जोर दिया कि उच्चस्तरीय सहित अन्य सभी बैठकें तभी प्रभावी होंगी जब हम कार्रवाई करें.

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