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सबरीमाला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगी केरल सरकार और मंदिर प्रबंध समिति

तिरूवनंतपुरम। सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को पूजा की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने की विपक्ष की मांग को केरल सरकार ने बुधवार को खारिज कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने कहा कि वह आगामी सीजन में ही इस फैसले को लागू करेगी. मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने भी तय किया कि पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की जाएगी तथा 16 अक्टूबर से शुरू हो रहे श्रद्धालुओं के अगले सीजन में महिला तीर्थयात्रियों के लिए जरूरी व्यवस्था की जाएगी. बोर्ड की एक उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला किया गया.

विपक्षी कांग्रेस ने माकपा नीत एलडीएफ सरकार के फैसले को एकतरफा बताया और कहा कि यह अयप्पा श्रद्धालुओं के एक बड़े हिस्से के हितों के खिलाफ है. पार्टी ने आरोप लगाया कि टीडीबी अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने पहले पुनर्विचार याचिका दायर करने की वकालत की थी, लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा ‘‘फटकार’’ लगाए जाने के बाद वह अपने बयान से पीछे हट गए. पार्टी ने टीडीबी के सदस्यों और पूर्व प्रमुखों की एक बैठक गुरूवार को बुलाने का फैसला किया है ताकि आगे के कदम के बारे में फैसला किया जा सके.

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विजयन ने कहा कि सरकार को सर्वोच्च अदालत के निर्देशों का पालन करना है और मंदिर जाने वाली महिलाओं के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी है. उन्होंने कहा कि कोई समझौता किए बिना अदालत के आदेश को लागू करना सरकार की ज़िम्मेदारी है. हम आगामी सीज़न में महिला श्रद्धालुओं के लिए जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.

विजयन ने बोर्ड प्रमुख पद्मकुमार की हाल की उस टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद वे मंदिर में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. न्यायालय के आदेश के खिलाफ विभिन्न संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर विजयन ने कहा कि अगर महिला श्रद्धालु पूजा करने के लिए मंदिर जाना चाहती हैं तो किसी को भी उन्हें रोकने का अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद एक रुख लिया है तो लोगों को देश के कानून को स्वीकार करना होगा. सरकार इसके कार्यान्वयन के लिए है. टीडीबी बैठक के बाद पद्मकुमार ने कहा कि बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के फैसले पर विस्तार से चर्चा की और पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने का फैसला किया. इस बीच विपक्षी नेता रमेश चेन्नीथला ने सरकार तथा टीडीबी की आलोचना की.

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