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मायावती ने कांग्रेस पर लगाया बीएसपी को खत्म करने की साजिश का आरोप

लखनऊ। बीजेपी की खिलाफ बन रहे महागठबंधन पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है. मायावती अब इस महागठबंधन का हिस्सा नजर नहीं आ रही हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बीजेपी का एजेंट बताया और कहा कि कांग्रेस बीएसपी को खत्म करना चाहती है.

मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन से इंकार किया है. बीएसपी छत्तीसगढ़ में पहले ही अजित जोगी की पार्टी से गठबंधन कर चुकी है.

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मायावती पर पीएम मोदी औरर अमित शाह का दवाब है. उन्होंने मायावती और चंद्रशेखर की तुलना करते हुए भीम आर्मी संस्थापक को अधिक मजबूत बताया.

मायावती के बयान के बाद कांग्रेस की ओर से रणदीप सुरजेवाला ने बयान दिया और कहा कि अगर सलवटें हैं तो हम उनको ठीक कर लेंगे.

वहीं इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा,”मुझे पता है मायावती दबाव में कुछ नहीं करतीं.” उन्होंने कांग्रेस से बड़ा दिल दिखाने की अपील की है.

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस संग गठबंधन नहीं: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होगा. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह के चलते यह गठबंधन नहीं हो पाया.

मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा की महिला विरोधी, पूंजीपतियों की सहयोगी और दमनकारी नीतियों के खिलाफ ही हमारी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया था.

मायावती ने कहा, “जैसा उनकी पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, वैसा ही वह अन्य राज्यों में करेगी. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने गुजरात चुनाव परिणाम से कोई सबक नहीं लिया है. पिछले परिणामों से साफ पता चलता है कि जहां भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से रहा, वहां भाजपा ने आसानी से जीत दर्ज की.”

मायावती ने कहा कि कांग्रेस को गलतफहमी है कि वह अकेले ही भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद और ईवीएम जैसी चालों से पार पाकर जीत हासिल कर लेगी, जो काफी हास्यास्पद है.

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