Friday , April 19 2024

राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर कटाक्ष, कहा- ‘रुपया टूट नहीं रहा, बल्कि टूट गया है’

नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. रुपया टूटकर 73.77 पर पहुंच गया है. रुपये में यह अबतक की रिकॉर्ड गिरावट है. रुपये की गिरती कीमत और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से लोग हलकान हैं. इस पर मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रुपये की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि रुपया टूट नहीं रहा है, बल्कि टूट चुका है.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘ब्रेकिंग: रुपया गिरकर 73.77 पर पहुंचा. यह टूट नहीं रहा है-टूट चुका है.’

बता दें कि गुरुवार को इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज में डॉलर के मुकाबले रुपया 73.77 के स्तर पर आ गया. रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.34 के स्तर पर रहा था.

Rahul gandhi

कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल ईंधन की कीमतों में वृद्धि और रुपये में गिरावट को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध रही हैं. राहुल गांधी ने मंहगाई पर भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की. अपने एक ट्वीट संदेश में उन्होंने कहा, ‘रुपया गया 73 पार, महंगाई मचाए हाहाकार, तेल-गैस में लगी है आग, बाजार में मची भागम-भाग, ओ 56 इंच सीने वाले, कब तक चलेगा ‘साइलेंट मोड’, कहां है ‘अच्छे दिन का कोड’?’

लगातार गिर रहा है रुपया
डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. गुरुवार को रुपये की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई. डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे टूटकर 73.60 के स्तर पर खुला. शुरुआती कारोबार में रुपये और टूट गया. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 44 पैसे गिरकर 73.77 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. बुधवार को डॉलर के मुकाबले 43 पैसे कमजोर होकर 73.34 के स्तर पर बंद हुआ था.

15 फीसदी टूट चुका है रुपया
दुनिया की प्रमुख करंसीज के बास्केट में डॉलर में लगातार मजबूती आ रही है. यह रुपये के कमजोर होने की सबसे बड़ी वजह है. आयातकों की ओर से डॉलर की सतत मांग और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण रुपया पर दबाव रहा. विदेशी निवेशक लगातार पूंजी निकाल रहे हैं. साल 2018 में रुपया करीब 15 फीसदी टूट चुका है. कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वार और करेंट अकाउंट डेफिसिट के बढ़ने की आशंका से रुपये पर असर पड़ा है. वहीं, डॉलर में मजबूती, घरेलू स्तर पर निर्यात घटने और राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारक भी रुपये की गिरावट की बड़ी वजह हैं.

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