Tuesday , May 21 2024

UP में ‘सिपाही विद्रोह’, आरोपी के समर्थन में पुलिसवालों ने बांधी काली पट्टी

लखनऊ। लखनऊ के गोमती नगर में 29-30 सितंबर की रात एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या कर दी गई थी. आरोप यूपी पुलिस के दो सिपाहियों पर है. दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इसी के बाद से इन आरोपियों के समर्थन में यूपी पुलिस के कुछ सिपाही और अधिकारी भी दिख रहे हैं.

मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी ने पहले मीडिया में बयान दिया कि विवेक तिवारी ने उसे कुचलने का प्रयास किया था. उसका और उसकी पत्नी का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें दोनों लोग पुलिस कप्तान पर आरोप लगाते दिख रहे थे कि उनकी तहरीर नहीं ली जा रही है. प्रशांत चौधरी ने लखनऊ की सीजेएम कोर्ट में अपनी तरफ से FIR दर्ज कराने की भी अर्जी दी है. इस पूरे मामले में हैरतअंगेज तरीके से यूपी पुलिस के कुछ कर्मचारी आरोपियों के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं.

आपको बता दें कि आरोपी प्रशांत की पत्नी राखी चौधरी के बैंक अंकाउंट की डिटेल, पासबुक की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. पुलिस के कुछ कर्मचारियों द्वारा राखी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की अपील की जा रही है. बताया जा रहा है कि अब तक काफी पैसा इस अकाउंट में जमा भी हुआ है.

दूसरी ओर पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि कुछ बर्खास्त सिपाही आरोपी के पक्ष में मुहिम चला रहे हैं जिनकी पहचान कर ली गई है. इन लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इस बीच एटा के एक सिपाही सर्वेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है. सर्वेश ने आरोपी पुलिसवालों का बचाव करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. अब कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें पुलिसवाले काली पट्टी बाध कर काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

लखनऊ के नाका थाने से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है जिसकी पुष्टि हो गई है जबकि गुडंबा थाने, अलीगंज थाने और एसएसपी ऑफिस की तस्वीरों की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये तस्वीरें सही हैं या फिर नकली (छेड़छाड़ की गई.)

एक IPS अधिकारी ने भी आरोपी प्रशांत की पत्नी राखी के अकाउंट में 5000 रुपये जमा कराए हैं. डीजीपी ऑफिस में इन्हीं सब बातों पर चर्चा के लिए एक मीटिंग बुलाई गई है. यूपी पुलिस के आला अधिकारी इस बैठक में मौजूद हैं. विवेक के परिवार ने यूपी पुलिस को एक जिम्मेदार विभाग बताते हुए कहा कि जिस तरह आरोपी के पक्ष में मुहिम चलाई जा रही है उससे पूरा परिवार डरा हुआ है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch