राजकोट। 1990 के दशक के आखिरी के सालों में अपने छक्कों के लिए मशहूर हुए रिकॉर्डो पावेल का मानना है कि वर्तमान समय में छक्का लगाना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है. वेस्टइंडीज के पावेल फिलहाल अमेरिका राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता हैं.
रिकॉर्डो पावेल इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने सिंगापुर में 1999 की त्रिकोणीय सीरीज में भारत के खिलाफ दनादन छक्के लगाए थे. पावेल ने उस मैच में 93 गेंदों पर 124 रन की पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी. उन्होंने अपनी पारी में आठ छक्के लगाए थे. यह वह दौर था जबकि 50 ओवरों के मैच में छक्के जड़ना आम नहीं था.
वेस्टइंडीज की तरफ से 1999 से 2005 के बीच दो टेस्ट और 109 वनडे खेलने वाले पावेल ने कहा, ‘जब मैं खेला करता था तब बहुत कम बल्लेबाज इस तरह से बल्लेबाजी करते थे. केवल लांस क्लूजनर, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, वीरेंद्र सहवाग ही ऐसी बल्लेबाजी करते थे. अगर आप आज विशेषकर छोटे प्रारूप पर गौर करोगे तो कई बल्लेबाज ऐसा कर रहे हैं. अब लंबे शॉट खेलना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है.’
पावेल का मानना है कि बल्ले के आकार के कारण अब छक्के जड़ना अधिक आसान हो गया है. पावेल ने कहा, ‘बल्ले का आकार देखिये. आज के बल्लेबाज जिस तरह के बल्ले का उपयोग करते हैं, मेरा बल्ला उससे काफी पतला होता था. बल्ले का किनारा लेकर भी गेंद छक्के के लिए चली जाती है. छक्के लगाना अब आम हो गया है.’