नई दिल्ली। गर्दन पर टैटू की वजह से सिडनी पब में प्रवेश न पा सके रियलिटी टीवी स्टार सिद्धार्थ भारद्वाज ने खुलासा किया है कि भारतीय मनोरंजन उद्योग में टैटू वालों के साथ भेदभाव है. टैटू के कारण काम में भेदभाव के अपने अनुभव को साझा करते हुए 31 वर्षीय अभिनेता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, “मेरे शरीर पर टैटू की वजह से मुझे कई परियोजनाओं में भूमिकाओं के लिए मना कर दिया गया है. इससे पहले कई लोग मुझे भूमिकाओं के प्रस्ताव देते थे.”
टैटू के कारण खारिज किए जाने से बुरा लगता है
उन्होंने कहा, “टैटू के कारण खारिज किए जाने से बुरा लगता है. अगर आप अभिनेता को उसके अभिनय के आधार पर मना करते हैं तो यह पूरी तरह स्वीकार होगा, लेकिन टैटू के आधार पर भेदभाव अनुचित है.” छोटी चीजों पर समाज में होने वाले भेदभाव से निराश, सिद्धार्थ ने लोगों से एक-दूसरे को स्वीकार करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, “हम 1980 के दशक में नहीं रह रहे हैं. हम सभी को एक-दूसरे को खुली बाहों से स्वीकार करना चाहिए और उन्हें जाने बिना उन पर राय नहीं बनानी चाहिए.”
लोगों को फिटनेस टिप्स भी दिए
उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि कई लोगों का विदेशों में अप्रिय अनुभव रहा है और उन्होंने भेदभावपूर्ण परिस्थितियों का सामना किया है, लेकिन भारत में, हम भी वही कर रहे हैं. हम दक्षिण भारतीय, मुंबई के लोग दिल्ली के लोगों का मजाक बनाते हैं, हमारे अंदर इस तरह की भावना नहीं होनी चाहिए.” अभिनेता ने लोगों को फिटनेस टिप्स भी दिए.