नई दिल्ली। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना लगातार जारी है. सोमवार को रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर 74.02 पर जाकर बंद हुआ. विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार से अपने पैसे की निकासी के कारण रुपये का स्तर गिर रहा है. सोमवार को जब बाजार खुला था तो उस समय एक डॉलर की कीमत 73.90 रुपये थी. इससे पहले शुक्रवार को शेयर बाजार में बिकवाली से रुपये पर दबाव रहा और यह 74.23 के स्तर पर जा पहुंचा था. हालांकि बाद में शेयर बाजार में सुधार होने पर रुपये में भी कुछ सुधार देखा गया.
आर्थिक जगत के जानकार मानते हैं कि चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा घरेलू नीति को आसान बनाए जाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर मजबूत हुआ है. इससे भारत पर भी इसका असर असर पड़ा है. जानकार बताते हैं कि चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने 15 अक्टूबर से आरआरआर यानी आरक्षित आवश्यक अनुपात में 1 फीसदी प्रतिशत कमी लाने का फैसला किया है. इससे बैंकिंग प्रणाली में 109.2 अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि आएगी.
इससे डॉलर और अधिक मजबूत होगा तथा भारतीय मुद्रा की कीमत और ज्यादा गिर जाएगी. जानकार मानते हैं कि चीन के इस कदम से भारतीय रुपये का स्तर 75 के आंकड़े को भी पार कर सकता है.
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम भी डॉलर को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. क्रूड ऑयल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरेल के पार हो गई हैं.
साथ ही विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से लगातार अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिसके चलते रुपया कमजोर हो रहा है. पिछले चार कारोबारी सत्र में विदेशी निवेशक भारत से 9,300 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. जिसका सीधा असर शेयर बाजार और भारतीय रुपये पर पड़ रहा है.
सेंसेक्स में सुधार
पिछले कई दिनों से लगातार नीचे गिर रहे सेंसेक्स के लिए सोमवार का दिन उम्मीदों भरा साबित हुआ. सेंसेक्स 97 अंकों के उछाल के साथ 34,474.38 के स्तर पर जाकर बंद हुआ. आज सेंसेक्स में 0.28 फीसदी का उछाल देखने को मिला. हालांकि बाजार खुलने के समय सेंसेक्स में गिरावट देखी गई थी. आलम यह था कि दोपहर को सेंसक्स गिरकर 33,991 के अंक पर जा पहुंचा. उसके बाद शेयर मार्केट में कुछ समय के लिए तेजी बनी रही और बाजार बंद होने से पहले तक यह 34,555 के अंक को छू गया, लेकिन बाजार 34,474 पर जाकर बंद हुआ.