यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि DRDO में कार्यरत निशांत अग्रवाल के कंप्यूटर से काफी संवेदनशील जानकारियां हाथ लगी है. उन्होंने कहा कि निशांत अग्रवाल के कंप्यूटर से उसके पाकिस्तान स्थित आईडी पर फेसबुक के जरिए चैटिंग के भी सबूत हाथ लगे हैं.
एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि कुछ महीने पहले एक बीएसएफ का जवान गिरफ्तार किया गया था और जांच के दौरान तीन फर्जी फेसबुक आईडी का पता चला, जो पाकिस्तान आधारित आईडी से संचालित होता था. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि निशांत अग्रवाल जो कि एक इंजिनियर है वो पाकिस्तान के आईपी एड्रेस से संचालित होने वाले फेसबुक आईडी से चैटिंग से माध्यम से संपर्क में था.
आईजी अरुण ने बताया कि नागपुर के अलावा आगरा और कानपुर में भी रेड हुई है. हमारा मानना है कि उसके लैपटॉप से जो संवेदनशील जानकारियां मिली हैं वो उसके पास नहीं होनी चाहिए थी.
हालांकि यूपी एटीएस के मुताबिक अभी इस बात की जांच की जा रही है कि यह संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI तक पहुंची या नहीं. एटीएस हनी ट्रैपिंग के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है क्योंकि निशांत अग्रवाल कथित तौर पर दो महिलाओं के संपर्क में था जिनके आईपी एड्रेस पाकिस्तान के थें.
निशांत अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल से जुड़ी टेक्निकल जानकारी पाकिस्तानी एजेंसी के साथ साझा की है. निशांत अग्रवाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं और पिछले 4 साल से DRDO की नागपुर यूनिट में काम कर रहे हैं. फिलहाल उन पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ की जा रही है.
गौरतलब है कि सोमवार सुबह यूपी एटीएस की टीम निशांत के नागपुर स्थित आवास पर छानबीन के लिए पहुंची और मामले की जांच संबंधी सामग्रियां जब्त की. वहीं रविवार रात को भी इसी टीम ने कानपुर से एक महिला को गिरफ्तार किया था. हालांकि, उसके पास से कुछ नहीं मिला था.
उल्लेखनीय है कि ब्रह्मोस एक मध्यम रेंज की सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है जिसे भारत ने रूस के साथ मिल कर बनाया है. इस मिसाइस से जु़ड़ी खासियत यह है कि इसे जमीन के अलावा पनडुब्बी, युद्धपोत और लड़ाकु विमान से लॉन्च किया किया जा सकता है. भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित यह मिसाइल दुनिया की सूबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जाती है.