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रक्षा संस्‍थानों के सीक्रेट ISI तक पहुंचाती है ये ‘लड़की’, FB के जरिए बुनती है पूरा जाल

नई दिल्‍ली। ब्रह्मोस यूनिट से खुफिया जानकारी पाकिस्‍तान को लीक करने के आरोप में पकड़े गए इंजीनियर निशांत अग्रवाल के मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस ने नया खुलासा किया है. यूपी एटीएस की टीम ने फेसबुक में एक अकाउंट को पता लगाया है, जिसके जरिये भारत के रक्षा संस्‍थानों में सेंध लगाने का काम किया जाता था. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि यह फेसबुक अकाउंट काजल नाम की एक महिला के नाम से चल रहा है. इसी के जरिये भारतीय अफसरों को हनीट्रैप में फंसाकर अहम जानकारियां ली जाती थीं.

                                         आरोपी इंजीनियर को मंगलवार को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजा गया. (फोटो ANI) 

दरअसल, मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस ने डीआरडीओ के कानपुर में स्थित डिफेंस मटेरियल एंड स्टोर रिसर्च सेंटर में काम करने वाले दो वैज्ञानिकों से पूछताछ की है. यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक काजल नाम से फेसबुक पर एक्टिव आईएसआई की महिला एजेंट ने देश के रक्षा संस्थानों में सेंध लगाई है. डीआरडीओ के वैज्ञानिक और बीएसएफ के जवान अच्युतानंद हनीट्रैप के शिकार हुए थे.

सेना की खुफिया इकाई ने पाकिस्तान की उन महिला आईएसआई के एंजेंटों की पहचान की है, जो फेसबुक पर अलग-अलग नाम से सक्रिय हैं. खुफिया एजेंसियों की नजर में काजल नाम से सक्रिय एक ऐसे फेसबुक प्रोफाइल के बारे में पता चला है जो 15-20 फेसबुक प्रोफाइल पर अलग-अलग नाम से सक्रिय है. ISI के एक हजार से ज्यादा फेसबुक प्रोफाइल पर खुफिया एजेंसियों की नजर बनी हुई है.

बताया जा रहा है कि काजल नाम से बने फेसबुक अकाउंट के जरिये ही देश के सैन्‍य और रक्षा संस्‍थानों से जुड़े व्‍यक्तियों को हनीट्रैप में फंसाया जाता है. इसके बाद आईएसआई इन लोगों से खुफिया जानकारी निकलवाती है. फिलहाल खुफिया एजेंसियां ऐसे ही फेसबुक अकाउंट की जानकारियां जुटाने में लगी हुई हैं.

बता दें कि पाकिस्तान को कथित रूप से ‘‘तकनीकी सूचना’’ लीक करने के सिलसिले में नागपुर के पास स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में कार्यरत एक इंजीनियर को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के एटीएस के एक संयुक्त अभियान में ब्रह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से निशांत अग्रवाल को गिर‍फ्तार किया गया.

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एटीएस सूत्रों ने बताया कि निशांत के नागपुर स्थित घर से एक कंप्यूटर जब्त किया गया जिसमें गोपनीय दस्तावेज पाए गए. उन्होंने कहा कि इस तरह के दस्तावेज किसी के निजी कंप्यूटर में नहीं होने चाहिए.

मंगलवार को निशांत अग्रवाल को नागपुर की कोर्ट में भी पेश किया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है. आरोपी इंजीनियर को तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर यूपी एटीएस को सौंपा गया है.

सूत्रों ने बताया कि निशांत के गृह नगर रुड़की स्थित उसके घर से भी उसका एक पुराना कंप्यूटर जब्त किया गया है और उसमें मिली चीजों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि फेसबुक पर पाकिस्तान से महिलाओं की छद्म आईडी बनाने और भारत में संवेदनशील स्थानों पर काम कर रहे लोगों को फंसाने की कार्यप्रणाली सामने आने के बाद से यूपी एटीएस इस पर निगाह रख रही थी.

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