हैदराबाद। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ की किसी दूसरे से तुलना नहीं करना चाहिए और उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने देना चाहिए. शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में अपने डेब्यू मैच में ही 134 रन बनाए, जिसके बाद उनकी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से तुलना की जाने लगी थी.
वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से एक दिन पहले कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि उसको लेकर अभी किसी फैसले पर पहुंच जाना चाहिए. आपको इस युवा खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान देना चाहिए. वह बेहद प्रतिभाशाली है और जैसा हर किसी ने देखा कि वह कौशल से परिपूर्ण है.’
उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि उसने पहले मैच में जैसा प्रदर्शन किया उसकी पुनरावृत्ति करे. वह सीखने का इच्छुक है और तेजतर्रार है. वह परिस्थिति का अच्छी तरह से आकलन करता है। हम सभी उसके लिए खुश हैं.’
The youngsters coming up in the squad are supremely talented and have the experience of playing in front of big crowds, thanks to the @IPL – @imVkohli #INDvWI pic.twitter.com/DsfwgOiA4u
— BCCI (@BCCI) October 11, 2018
कोहली ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर से भी सहमति जताई, जिन्होंने बुधवार को कहा था कि लोगों को पृथ्वी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से नहीं करनी चाहिए. कोहली ने कहा, ‘हमें अभी उसकी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए. हमें उसे ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए जहां वह किसी तरह का दबाव महसूस करे. उसे हमें वह स्थान देना चाहिए जहां वह अपने खेल का लुत्फ उठाए और धीरे-धीरे ऐसे खिलाड़ी के रूप में तैयार हो जैसा हम सभी चाहते हैं.’
आईपीएल, भारत-ए के दौरों और अंडर-19 टूर्नामेंट के सीधे प्रसारण से युवा जल्द ही अपनी पहचान बना रहे हैं और कोहली ने स्वीकार किया कि अब वे दबाव सहने के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर यह एक कारण हो सकता है क्योंकि वे उस माहौल में खेल चुके होते हैं जिसमें की अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाता है. लेकिन देश की तरफ से खेलने का हमेशा दबाव होता है. जब आप सुबह यह कैप पहनते हो तो आप थोड़ा नर्वस रहते हो और मुझे लगता है कि हर कोई यह दबाव महसूस करता है.’
कोहली ने कहा, ‘लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है, जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना होता था.’