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सड़क पर नमाज पढ़ने पर बोले देवबंदी उलेमा, ‘किसी का रास्ता रोकर नमाज पढ़ना गलत’

सहारनपुर/लखनऊ।  यूपी की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के सामने बीच सड़क पर नमाज पढ़ने वाले शख्स को सहारनपुर के देवबन्दी उलेमाओ ने भी गलत बताया है. देवबन्द के आली मुफ्ती अहमद ने कहा कि इस्लाम में इस तरह नमाज पढ़ना सही नहीं है. किसी का रास्ता रोककर नमाज़ नहीं पढ़नी चाहिए. इबादत करने के लिए मस्जिद बनाई गई है. मस्जिद में हीं नमाज अदा करनी चाहिए. क्योंकि हमारे हजूर के सामने एक शिकायत आई थी कि कुछ मुजाहिदीन जो अपना पड़ाव रास्ते में डाले हुए थे. इस वजह से रास्ते से गुजर रहे लोगों को दिक्कत हो रही हैं, तो अल्लाह के रसूल ने कहा कि यह गलत है और उन लोगों को जिहाद का सवाब नहीं मिलेगा. मस्जिद इसीलिए बनाई गई है कि ताकि मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें.

उलेमा ने आगे कहा, ‘अगर कहीं ऐसे नमाज पढ़ने की जरूरत पड़ जाए तो ऐसी जगह नमाज़ पढ़े जहां पर किसी को दिक्कत या परेशानी न हो. इसलिए ऐसा करना जायज नहीं है कि राह गुजर को रोका जाए, जो चीज जिस काम के लिए बनाई गई है, उसी के लिए उसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए .’  उन्होनें आगे कहा, ‘रास्ता राहगीरों को सड़क पर चलने का अधिकार है, उन्हें उस पर चलना चाहिए और सामाजिक चीज पर सामाजिक कार्य करना चाहिए. अगर किसी जगह पर किसी को तकलीफ होती है और हम जान बूझकर इबादत करने खड़े हो जाएं तो यह मुनासिब नहीं है.’

बता दें कि 14 अक्टूबर को लखनऊ एनेक्सी के बाहर नमाज पढ़ने और नारेबाजी करनेवाले रफीक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद रफीक ने सफाई दी थी कि वो सीएम योगी तक अपनी बात पहुंचाना चाहता था. रफीक ने अपनी करतूत पर माफी मांगी और कहा कि उसकी दुकान टूट गई थी इसलिए उसने ऐसा किया. वहीं रफीक की पत्नी ने कहा कि उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं है उनका इलाज चल रहा है. उधर पुलिस का कहना है कि संबंधित कानून के तहत कार्रवाई हो रही है.

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