पटना। 2014 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली की तख्त तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू में बड़ी भूमिका दी है. पिछले महीने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल होने वाले प्रशांत को नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. यानि प्रशांत किशोर का पार्टी में नीतीश कुमार के बाद दूसरा स्थान होगा.
2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रशांत किशोर को जेडीयू उपाध्यक्ष बनाए जाने के कई सियासी मायने हैं. अभी तक के दावों के मुताबिक, आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू बिहार में साथ चुनाव लड़ेगी. अगर नीतीश पिछले लोकसभा चुनाव की तरह पाला बदलते हैं तो ऐसे में प्रशांत किशोर की भूमिका और बढ़ जाएगी. प्रशांत किशोर को गठबंधन सूत्रधार के तौर पर भी जाना जाता है.
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम करने के बाद प्रशांत किशोर जल्द ही नीतीश कुमार के करीब आ गए थे. उन्होंने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के लिए चुनावी रणनीति तैयार की. ‘बिहार में बहार हो, नीतीशे कुमार हो’ जैसे नारे गढ़े और नीतीश के नेतृत्व में जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस महागठबंधन की सरकार बनी. बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. हालांकि ये सरकार काफी दिनों तक नहीं चली. प्रशांत किशोर ने 2017 में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए रणनीति तैयार की थी. हालांकि उसे कोई खास सफलता नहीं मिली.