Saturday , November 23 2024

LIVE: सबरीमाला मंदिर जा रहीं महिलाओं को वापस बेस कैंप भेजा, जोरदार प्रदर्शन जारी

तिरूवनंतपुरम/नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है तनाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यहां महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की कोशिश की जा रही है. वहीं, स्वामी अयप्पा के दर्शन के लिए महिला श्रद्धालु जुटने लगीं हैं. मंदिर परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन और तनाव के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

सबरीमाला मंदिर में सभी लड़कियों और महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मंदिर के द्वार आज खुलने जा रहे हैं. आज शाम 5 बजे सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने हैं.

इस बीच, भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला भक्तों ने निलक्केल में कई वाहनों को रोककर चेक किया. इस दौरान वे मासिक धर्म की उम्र वाली महिलाओं को आगे जाने से रोक दिया. इसके बाद तनाव और बढ़ गया है. मंदिर परिसर से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्कल बेस कैंप में भगवान अयप्पा के बहुत सारे भक्त ठहरे हुए हैं.

बड़े अपडेट –

11.00 AM: पंबा बेस कैंप से महिलाओं को वापस भेजा जा रहा है, वहां पर इनकी एंट्री का विरोध हो रहा है.

10.01 AM: नल्लिकेल इलाके में 3 जगह प्रदर्शन चल रहा है, इनमें 2 जगह संघ परिवार की तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा है. और 1 प्रदर्शन कांग्रेस की तरफ से किया जा रहा है. सभी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.

08.02 AM: नल्लिकेल और पम्पा बेस पर करीब 1000 से अधिक सुरक्षाकर्मी, जिनमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं. इनके अलावा 500 से अधिक अन्य सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं.

07.49 AM: सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. पुलिस ने अभी तक कुल 11 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इनमें 8 को मंगलवार रात और 3 को बुधवार सुबह हिरासत में लिया गया.

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ANI

@ANI

Devotees of Lord Ayyappa who have gathered at Nilakkal, the base camp of as the gate of the temple is all set to open today, say, “We are facing problems as administration is not giving clear answers on when doors will open.”

क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी. उस आदेश के बाद से बुधवार 17 अक्टूबर को शाम पांच बजे पहली बार मंदिर के द्वार खुलेंगे.

नहीं मान रहे हैं लोग

वहीं, हालात को सुलझाने के लिए त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) की आखिरी कोशिश बेकार रही, जहां पंडालम शाही परिवार और अन्य पक्षकार इस मामले में बुलाई गई बैठक को मंगलवार को छोड़कर चले गए. शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने के मुद्दे पर बातचीत करने में बोर्ड की अनिच्छा से ये लोग निराश दिखे.

महिलाओं को रोकने की कोशिश

इस बीच, भगवान अयप्पा की सैकड़ों महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर जाकर उन महिलाओं को मंदिर से करीब 20 किलोमीटर पहले नल्लिकेल में रोकने का प्रयास किया जिनकी आयु 10 से 50 साल है. ‘स्वामीया शरणम् अयप्पा’ के नारों के साथ भगवान अयप्पा भक्तों ने इस आयु वर्ग की लड़कियों और महिलाओं की बसें और निजी वाहन रोके और उन्हें यात्रा नहीं करने के लिए मजबूर किया.

इन महिलाओं में पत्रकार रितू भी थीं, जिन्होंने दावा किया कि वह अपने कवरेज के काम से मंदिर जा रही हैं और उनका मंदिर में प्रवेश का कोई इरादा नहीं है. उनका ऐसा भी कुछ करने की मंशा नहीं है, जिससे अयप्पा भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हों.

सबरीमाला जाने के रास्ते में नल्लिकेल में भारी तनाव के बीच एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘मासिक पूजा के लिए मंदिर जब खुलेगा तो 10 से 50 साल की आयु की किसी महिला को निलक्कल से आगे और मंदिर में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं दी जाएगी.’ टेलीविजन चैनलों की फुटेज में देखा गया कि काले कपड़े पहने कुछ युवतियों और कुछ कॉलेज विद्यार्थियों को एक बस से उतरने के लिए कहा जा रहा है.

श्रद्धालुओं की रक्षा की जाएगी: मुख्यमंत्री

इस अति संवेदनशील विषय पर कठिन समय का सामना कर रहे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. मेरी सरकार सबरीमला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘श्रद्धालुओं को सबरीमाला जाने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा की मांग नहीं करने के सरकार के फैसले पर फिर से विचार किए जाने की संभावना खारिज कर दी. विजयन ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का पालन करेंगे.’

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