सियोल। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने मंगलवार (रिपीट मंगलवार) को प्योगयांग पर प्रतिबंध बरकरार रखने के लिए अमेरिका की आलोचना की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अंतर कोरियाई संबंध में प्रगति को बाधित (रिपीट बाधित) करने का आरोप लगाया. इस आलोचना के बाद वाशिंगटन और परमाणु शक्ति से संपन्न उत्तर कोरिया के बीच चल रही वार्ता में दिक्कतें आ सकती हैं. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और ट्रंप के बीच जल्द ही दूसरी शिखर वार्ता आयोजित होने की उम्मीद है. इस साल जून में सिंगापुर में पहली बैठक में परमाणु निरस्त्रीकरण के संकल्प पर हस्ताक्षर किया था.
संकल्प अस्पष्ट शब्दों में लिखा गया था. तब से इस दिशा में दोनों तरफ से बहुत कम प्रगति हुई है तथा दोनों पक्ष इसके पाठ्य को लेकर झगड़ रहे हैं. उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए ने बताया कि वाशिंगटन ‘दोहरा खेल’ खेल रहा है और वह दोनों देशों के बीच दुर्लभ कूटनीतिक अवसर को ‘एक तरह से बर्बाद’ कर रहा है.
फिर साथ आएंगे ट्रंप और किम जोंग, जल्द होगा अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन
आपको बता दें कि इससे पहले उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ जल्द से जल्द दूसरी शिखर बैठक करने के लिए राजी हैं. प्योंगयांग में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और किम के बीच हुई ‘फलदायी’ बातचीत के बाद सोल ने रविवार को शिखर सम्मेलन की बात कही. कोरियाई प्रायद्वीप की यात्रा के दौरान रविवार की सुबह प्योंगयांग में पोम्पिओ ने पहले दो घंटे तक किम से बातचीत की, फिर दोनों नेताओं ने दोपहर का भोजन भी साथ किया. वहां से पोम्पिओ सोल रवाना हो गए.
शिखर सम्मेलन के लिए जगह और तारीख तय होना बाकि
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पोम्पिओ ने कहा, ‘‘वह जितनी जल्दी संभव हो, दूसरा अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन कराने को लेकर चेयरमैन किम से सहमत हैं.’’ हालांकि, इस संबंध में अभी तारीख या जगह तय नहीं है. बयान के अनुसार, पोम्पिओ और किम ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों, वहां पर अमेरिकी सरकार की उपस्थिति और इसके बदले में अमेरिका द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की.
पोम्पिओ ने चौथी बार किया उत्तर कोरिया का दौरा
अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ चौथी बार उत्तर कोरिया गए थे. गौरतलब है कि ट्रंप और किम के बीच पहला शिखर सम्मेलन जून में सिंगापुर में हुआ था. हालांकि, इस सम्मेलन में किम द्वारा किए गए वादों को आलोचकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर किया गया कमजोर वादा बताया था. पोम्पिओ ने ट्वीट किया है,‘‘सिंगापुर सम्मेलन में हुए समझौतों पर हम आगे बढ़ रहे हैं. मेरी और मेरी टीम की मेजबानी करने के लिए धन्यवाद.’’