नई दिल्ली। मीटू के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के बीच केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ऐसे मामलों की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार ऐसे मामलों की जांच के लिए अब मंत्रियों का एक समूह बनाने पर विचार कर रही है. यह समूह ही #MeToo कैंपेन से जुड़ी शिकायतों पर हर पहलू से संज्ञान लेगा.
देश भर में #MeToo कैंपेन के तहत आ रहीं यौन शोषण की शिकायतों के बीच महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक हफ्ता पहले ही ऐसे मामलों की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया था. बताया गया था कि रिटायर्ड जज की अगुवाई में विधि विशेषज्ञों की एक कमेटी ऐसे सभी मामलों की जांच करेगी. लेकिन मेनका के मंत्रालय के इस प्रस्ताव में बदलाव किया गया है और अब इसकी जगह मंत्रियों का समूह (GoM) बनाने पर विचार किया जा रहा है, जो मीटू से जुड़े मामलों की पड़ताल करेगा.
सूत्रों के मुताबिक इस मंत्री समूह की अध्यक्षता वरिष्ठ महिला मंत्री करेंगी. जो मीटू अभियान में उठे सवालों और कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न रोकने के लिए बने कानून-नियमों की कमियों को दूर करने के उपाय तलाशेंगी.
बता दें कि दुनियाभर में चल रहा कैंपेन भारत में काफी जोर पकड़ रहा है. सबसे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने बाकायदा पुलिस में भी 10 साल पुरानी एक घटना के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.
इस मामले के बाद बॉलीवुड के और लोगों के खिलाफ महिलाओं ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. यहां तक कि इस कैंपेन की आंच मोदी कैबिनेट तक भी पहुंच गई, जब कुछ पत्रकारों ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अश्लील हरकत करने जैसे गंभीर आरोप लगाए. अब जबकि एमजे अकबर पर इस्तीफे का दबाव बनाया जा रहा है, वैसे में इन मामलों की जांच के लिए जो कमेटी गठित करने की बात कही गई थी, उसी को झटका लग गया है.