नई दिल्ली। #MeToo में नाम सामने आने के बाद एक्टर आलोक नाथ और उनकी पत्नी ने विनता नंदा के खिलाफ मानहानि का केस किया था. अब राइटर प्रोड्यूसर विनता भी कानूनी तौर से लड़ने के लिए तैयार हैं. बुधवार को विनता ने आलोक नाथ के खिलाफ मुंबई के ओशिवारा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को भी खत लिखकर मामले में न्याय की मांग की है. मुंबई में सिंटा की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है. इसमें बॉलीवुड से #MeToo के तहत सामने आए नामों के खिलाफ कड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
पुलिस थाने के बाहर आज तक से विनता ने कहा, ”मैंने आज आलोक नाथ के खिलाफ पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने मुझे भरोसा दिया है कि वे जल्द ही मेरा बयान रिकॉर्ड करेंगे और FIR भी दर्ज करेंगे. मुझे पुलिस और न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है. 19 साल के ट्रॉमा के बाद मैं यहां शिकायत दर्ज कराने आई हूं.”
कोर्ट ने लगाई आलोक नाथ को फटकार
उधर, बुधवार को आलोक नाथ की ओर से कोर्ट में दायर मानहानि मामले पर भी सुनवाई हुई. इस दौरान जज ने एक्टर की गैर मौजूदगी पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा, मामले की सुनवाई के दौरान आलोक नाथ क्यों मौजूद नहीं हैं?
बता दें कि सोमवार को आलोक की पत्नी आशु ने सेशन कोर्ट में अपने और आलोक की तरफ से मानहानि का मामला दर्ज कराया था. अपील में लिखा गया था कि विनता द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी गई, जिसमें बिना आलोक नाथ के नाम का जिक्र किए उन्हें 19 साल पहले एक बलात्कार का आरोपी बताया गया.
इसमें लिखा गया कि इस पोस्ट का इस्तेमाल ख्याति पाने के उद्देश्य से या सामने वाले की छवि बिगाड़ने के उद्देश्य से किया गया है. याचिका में जिक्र किया गया है कि इस मामले के बाद से पति-पत्नी (आलोक-आशु) दहशत में हैं क्योंकि अब हर कोई उन्हें एक अलग नजरिए से देख रहा है. इसी के साथ विनता से 1 रुपये हर्जाना मांगने की बात इस मामले में लिखी गई. याचिका में ये भी लिखा गया कि या तो विनता लिखित रूप से माफी मांगे और या फिर कोर्ट में सामना करने के लिए तैयार रहें.
आलोक नाथ ने नहीं दिया IFTDA के नोटिस का जवाब
इसके अलावा IFTDA ने आलोक नाथ को नोटिस भेजा था और मामले पर जवाब मांगा था. मगर एक्टर ने जवाब देने से मना कर दिया है. आलोक नाथ की तरफ से IFTDA द्वारा भेजे गए नोटिस को ठुकराते हुए एक स्टेटमेंट जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि मौजूदा केस में उनके खिलाफ कोई पुलिस शिकायत नहीं है. इस वजह से उनकी जवाबदेही नहीं बनती. यौन उत्पीड़न के मामलों में IFTDA ने आरोपियों से जवाब मांगा है. IFTDA ने यह भी कहा था कि जवाब नहीं देने की सूरत में एक तरफा फैसले लिए जाएंगे.