नई दिल्ली। पांच राज्यों में अगले महीने शुरू हो रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे ज्यादा उत्साहित राजस्थान राज्य को लेकर है. बुधवार को कांग्रेस ने राजस्थान से जुड़े सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान जब सवाल पूछा गया कि राजस्थान में कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा, तो कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘कौन बनेगा करोड़पति में पहले से थोड़े ही पता होता है कि कौन करोड़पति बनेगा.’’ इसके बाद सभाकक्षा में देर तक ठहाके लगते रहे.
लेकिन बात यहीं नहीं रुकी. कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गहलोत के बयान पर कहा, ‘यह धोनी का हेलीकॉप्टर शॉट था.’ जब गहलोत और सुरजेवाला यह बयान दे रहे थे तब मंच पर बैठे राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ठहाके लगाते दिखे. दरअसल यह हंसी-मजाक कांग्रेस की उस बड़ी रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पार्टी राजस्थान में यह संकेत देना चाहती है कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है. पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है.
इसस पहले राजस्थान में अपनी एक रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें अखबार में वह तस्वीर देखकर बहुत खुशी हुई जिसमें सचिन पायलट मोटर साइकिल चला रहे थे और गहलोत पीछे बैठे थे. राहुल गांधी ने यह बात जनता को यह संकेत देने के लिए कही थी की पार्टी एक है.
इस चुनाव में राहुल गांधी जहां एक तरफ पार्टी को एकजुट करने में लगे हैं, वहीं नए और नौजवान चेहरों को आगे लाने में भी जुटे हैं. इस कड़ी में राजस्थान चुनाव में लगातार चुनाव हारते रहे पुराने नेताओं के बजाय नए चेहरों को टिकट मिलने की पूरी संभावना है. इस काम के लिए राहुल गांधी की तरफ से भेजी गई विशेष टीम अलग से अपना सर्वे कर चुकी है.
मानवेंद्र सिंह के अलावा महाराष्ट्र से भाजपा के विधायक आशीष देशमुख भी कांग्रेस में शामिल हुए. दोनों नेताओं का कांग्रेस में स्वागत करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, ‘मानवेंद्र सिंह और आशीष देशमुख बीजेपी छोड़कर शामिल हुए हैं. देश में तानाशाही चल रही है. सिर्फ दो लोगों…अमित शाह और नरेंद्र मोदी का शासन चल रहा है. बीजेपी में लोग परेशान हैं. बीजेपी के बहुत सारे नेता कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं.’ गहलोत ने आरोप लगाया कि जसवंत सिंह का भाजपा ने अपमान किया है.
अगले महीने होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इससे पहले बगावत के तेवर दिखाते हुए मानवेंद्र ने पिछले ही महीने बाड़मेर में स्वाभिमान रैली की और ‘कमल का फूल, बड़ी भूल’ कहते हुए बीजेपी से अलग होने का ऐलान किया था. बीजेपी और खासकर सीएम वसंधुरा राजे से लंबे समय से असंतुष्ट चल रहे मानवेंद्र ने 2013 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से लड़ा और जीता था.
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि मानवेंद्र के पार्टी में आने का फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा क्योंकि इससे राजपूत मतदाताओं के वोट पार्टी को मिलेंगे, वहीं बीजेपी के अनुसार यह मानवेंद्र सिंह का ‘राजनीतिक रूप से गलत फैसला’ है और इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, राजपूत मतदाता पार्टी के साथ ही रहेंगे.
कांग्रेस के बाड़मेर जिला अध्यक्ष फतेह खान ने कहा कि राजपूत समुदाय बीजेपी से खुश नहीं था और मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में आने से पार्टी के लिए जीत की राह और मजबूत होगी. उन्होंने कहा,’ राजपूतों का बड़ी संख्या में वोट हैं जो वसुंधरा राजे सरकार से नाखुश चल रहे थे. मानवेंद्र के आने से कांग्रेस को फायदा होगा.’ पश्चिमी राजस्थान में अनेक सीटों पर राजपूत मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते आ रहे हैं.
दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मानवेंद्र के आने से राजपूतों के साथ साथ राजपुरोहित, चारण व प्रजापत मतदाताओं का समर्थन भी कांग्रेस को मिल सकता है.
बीजेपी ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ेगा
वहीं भाजपा का कहना है कि मानवेंद्र के इस कदम का पश्चिमी राजस्थान में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं होगा. संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा,’ मानवेंद्र सिंह का यह राजनीतिक रूप से गलत फैसला है जिसका पार्टी पर कोई असर नहीं होगा. राजपूत मतदाता भाजपा के साथ रहे हैं और भाजपा के ही साथ रहेंगे.’ राठौड़ ने कहा कि मानवेंद्र को यह फैसला करने से पहले सोचना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि कांग्रेस में उनके साथ बड़ा धोखा हो सकता है.
उन्होंने दावा किया कि राजपूत बीजेपी के पारंपरिक मतदाता रहे हैं और मानवेंद्र के जाने से इस पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा. राजपूत वोट केवल बीजेपी के साथ ही रहेंगे. बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 31 हजार 425 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.