नई दिल्ली। #MeToo कैंपेन में देश और दुनिया से 20 महिला पत्रकारों के आरोप का सामना कर रहे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर नेइस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देते हुए जहां अकबर ने दावा किया कि इन आरोपों के खिलाफ वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. इस्तीफे की खबर के बाद सोशल मीडिया के जरिए एक-एक कर अकबर पर आरोप लगाने वाली महिला पत्रकारों ने खुशी का इजहार करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है.
पहला मामला:
एम जे अकबर के खिलाफ सबसे पहली शिकायत महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने की. रमानी ने एक साल पहले ही वोग मैगजीन में एक लेख के जरिए एम जे अकबर के साथ अपनी आपबीती सुनाई. वहीं #MeToo कैंपेन शुरू होने के बाद एक बार फिर प्रिया में सोशल मीडिया के जरिए माना कि वोग में लिखा उनका लेख एम जे अकबर के संदर्भ में ही है.
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया
दूसरा मामलादूसरा आरोप एम जे अकबर पर लंदन में रह रही पत्रकार रुथ डेविड ने लगाया था. #MeToo कैंपेन के जरिए रुथ ने दावा किया था कि किस तरह नई दिल्ली स्थिति अपने ऑफिस में अकबर ने उन्हें बुलाया और जोर जबरदस्ती के साथ उन्हें किस करने लगे.
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया
तीसरा मामला:एम जे अकबर पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का तीसरा आरोप अमेरिका स्थिति पत्रकार ने लगाया. सीएनएन के लिए काम कर रही मजली डी पू कैंप ने दावा किया कि एम जे अकबर में 2007 में उनके साथ छेड़खानी की जब वह इंटर्नशिप करने भारत आई थी. मजली ने भी दावा किया कि अकबर ने बिना उनकी मर्जी जाने स्मूच कर लिया था.
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया का इंतजार
कुछ घंटे पहले मजली ने ट्वीटर पर लिखा:
चौथा मामलाएम जे अकबर के खिलाफ चौथा मामला उनकी पुरानी सहकर्मी सबा नकवी ने लगाया. सबा ने #MeToo के जरिए दावा किया कि एम जे ने उन्हें ऑफिस में बुलाया. इसके बाद एक बार तो अकबर ने हद पार करते हुए सबा के घर तक पहुंचने का काम किया.
इस्तीफे पर प्रतिक्रिया:
पांचवां मामलाएमजे अकबर के खिलाफ पांचवां मामला एशियन ऐज में अकबर की जूनियर रही गजला वहाब ने लगााया. गजला ने दावा किया कि नौकरी के दौरान अकबर उन्हें बिना किसी वजह के केबिन में बुलाते थे. अकबर पर गंभीर आरोप लगाते हुए गजला ने दावा किया कि केबिन में बुलाने के बाद अकबर उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करते.