तिरुअनंतपुरम। केरल के प्रख्यात सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने के बाद राज्य में हिंसा का माहौल है. सबरीमाला विवाद पर पहली बार मंदिर के प्रमुख पुजारी कंदारारू राजीवारू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ कानून के बारे में विचार करता है, परंपराओं और रिवाजों के बारे में नहीं.
जारी रहे परंपरा और रिवाज- पुजारी
कई श्रद्धालू अब भी ये मानते हैं कि जो रिवाज है, उसको जारी रखना चाहिए. मेरा सिर्फ यही विचार है कि परंपरा और रिवाज जारी रहना चाहिए. यह खतरनाक स्थिति है. मेरी प्रार्थना है कि कृपया रिवाज और नियमों का पालन करें. हिंसा का मैं समर्थन नहीं करता. ये काम श्रद्धालू नहीं कर रहे बल्कि इसके पीछे दूसरे तत्व हैं. उन्होंने कहा कि मेरी सिर्फ यह प्रार्थना है कि रिवाज और नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
हिंसा का समर्थन नहीं करता हूं…
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए मुख्य पुजारी ने कहा कि मैं राज्य में किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता हूं. कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर परिसर और राज्य में जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है.
बुधवार को खोले गए कपाट
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सबरीमाला मंदिर के कपाट बुधवार को मासिक पूजा के लिए खोल दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही महिलाओं ने अंदर प्रवेश करने की कोशिश की. इस दौरान वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इतना ही नहीं इस दौरान छिट-पुट हिंसा भी देखने को मिली. सबरीमाला मंदिर के एक बेस कैम्प निलक्कल में बुधवार दोपहर कुछ प्रदर्शनकारी जुट गए. ये लोग मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे थे. इनको खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.