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फिक्सिंग: अल-जजीरा का दावा- फिक्स थे 2011-12 में खेले गए 15 इंटरनेशनल क्रिकेट मैच

दुबई। कतर के न्यूज चैनल अल-जजीरा ने एक बार फिर क्रिकेट में बड़े स्तर पर फिक्सिंग होने का दावा किया है. उसने रविवार को स्पॉट फिक्सिंग को लेकर अपनी दूसरी डॉक्यूमेंट्रीजारी की. इसमें 2011 से 2012 के बीच करीब 15 इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों के फिक्स होने का दावा किया गया है. इसी बीच, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने चैनल से सबूत साझा करने अपील की है.

इससे पहले, अल-जजीरा चैनल ने अपनी पहली डॉक्यूमेंट्री में 2016 में दिसंबर में चेन्नई में हुए टेस्ट मैच और मार्च-2017 में रांची में हुए टेस्ट मैच में स्पॉट फिक्सिंग की बात कही थी. इन दोनों मैचों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों के नाम आए थे. उस डॉक्यूमेंट्री में भी मुनावर का नाम आया था. ताजा मामले में पाकिस्तान, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमों का जिक्र है.

संदिग्ध मैचों में सबसे अधिक 7 मैच इंग्लैंड के 
‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अल-जजीरा ने अपनी दूसरी डॉक्यूमेंट्री में भी अनील मुनावर नाम के शख्स का जिक्र किया है, जो डी कंपनी के लिए काम करता है. चैनल के मुताबिक यह शख्स भारत के एक शख्स को फिक्स हुए मैचों की जानकारी दे रहा है. चैनल ने 2011-12 के बीच जिन 15 मैचों का जिक्र किया है उनमें से सात मैच इंग्लैंड के और पांच मैच ऑस्ट्रेलिया के हैं. तीन मैचों में पाकिस्तान के खिलाड़ियों के शामिल होने की बात कही गई है.

आईसीसी ने अल-जजीरा से फुटेज मांगे
इसी बीच, आईसीसी ने अल-जजीरा से कहा कि वह बोर्ड को जांच के लिए अन-एडिटेड फुटेज प्रदान करें. आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने कहा, ‘आईसीसी क्रिकेट की अखंडता को बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. जैसा कि आपको उम्मीद है कि हम इसे गंभीरता से लें और इसकी जांच करें. इसके लिए हमें डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए कंटेंट की जरूरत है.’ अल-जजीरा ने ऐसा करने से मना कर दिया है. आईसीसी ने मुनावर को पहचानने की सार्वजनिक अपील भी की थी.

हम विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं: आईसीसी 
एलेक्स मार्शल ने कहा, ‘इन आरोपों को लेकर पहले ही जांच शुरू कर दी गई है. दावों को देखते हुए हम एक स्वतंत्र पेशेवर सट्टेबाजी विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं. हमने पहले भी कहा था कि और दोबारा कह रह हैं कि ब्रॉडकास्टर के सहयोग की जरूत है. हमने ब्रॉडकास्टर को शामिल करने के लिए काफी प्रयास किए हैं क्योंकि यह हमारी जांच में अहम रोल निभाता है.’ उन्होंने कहा, ‘हम ब्रॉडकास्टर से चाहते हैं कि वह इंटरपोल के साथ फुटेज साझा करें.’

फिक्सिंग के कोई सबूत नहीं: ईसीबी
इन दावों के जवाब में इंग्लैंड एंड वेल्स (ईसीबी) तथा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने कहा है कि ऐसे कोई ठोस सबूत नहीं है जिससे पता चलता हो कि इनके खिलाड़ी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. ईसीबी के प्रवक्ता ने कहा, ‘ईसीबी भ्रष्टाचार को मिटाने की अपनी जिम्मेदारी को जानती है. अल-जजीरा ने हमें जो सीमित जानकारी दी थी, वह अच्छी नहीं थी. ईसीबी की टीम ने इसे देखा और देखने के बाद उसे अपने खिलाड़ियों चाहे पूर्व के हों या वर्तमान के, उन पर किसी तरह का संदेह नहीं है.’

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