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CBI की जंग में सरकार का एक्शन, आलोक-राकेश को छुट्टी पर भेजा, नागेश्वर को जिम्मा

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के बीच चल रही कलह अब सबके सामने है. घूसकांड मुद्दे को लेकर शीर्ष अधिकारियों में चल रही जंग के कारण सीबीआई की किरकरी हो रही है. इस विवाद के बीच सरकार की तरफ से सीबीआई के दोनों शीर्ष अधिकारी सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है. इस फैसले को सरकार का इस मुद्दे पर बड़ा एक्शन माना जा रहा है.

इस परिस्थिति में ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. नागेश्वर राव ने बुधवार सुबह ही अपना कार्यभार संभाला. नागेश्वर ने पदभार संभालते ही कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है. बुधवार सुबह ही सीबीआई ने अपने दफ्तर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया. हालांकि, बाद में उन्हें खोल दिया गया.

बता दें कि 11वें फ्लोर पर ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना का दफ्तर है. किसी भी व्यक्ति को इन फ्लोर पर जाने की इजाजत नहीं दी गई है.

फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे प्रशांत भूषण

जैसे ही सरकार की तरफ से आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के फैसला लिया गया. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आलोक वर्मा को हटाना गैर कानूनी है, इसलिए इस फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.

Prashant Bhushan

@pbhushan1

Breaking! As feared&suspected, the govt has removed the Director CBI from his charge, because he was pursuing corrupt Spl Director Rakesh Asthana who was foisted on CBI by PMO despite his being investigated by the CBI itself in corruption cases.Totally illegal. Will be Challenged

इसी के साथ ही सीबीआई में काफी बड़े बदलाव किए गए हैं. अरुण शर्मा को जेडी पॉलिसी, जेडी एंटी करप्शन हेडक्वार्टर से हटा दिया गया है. AC III के डीआईजी मनीष सिन्हा को भी उनके पद से हटा दिया गया है. सीबीआई ने राकेश अस्थाना के मामले को फास्टट्रैक इन्वेस्टिगेशन में डाल दिया है.

हाईकोर्ट ने दिए थे यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश

इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को CBI को अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मौजूदा जांच के संबंध में यथास्थिति बनए रखने का आदेश दिया और सोमवार तक उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की.

हालांकि, राकेश अस्थाना की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. घूसखोरी के मामले में एफआईआर के बाद अब सीबीआई ने अस्थाना पर फर्जीवाड़े और जबरन वसूली का मामला भी दर्ज किया है.

सूत्रों की मानें तो सीबीआई जल्द ही अपने इस अधिकारी से पूछताछ भी कर सकती है. क्योंकि कोर्ट के आदेशानुसार अस्थाना की सिर्फ गिरफ्तारी पर रोक है, लेकिन पूछताछ पर कोई रोक नहीं है. (फोटो- नागेश्वर राव)

अस्थाना की बेटी की शादी पर सीबीआई की नजर

वहीं दूसरी तरफ राकेश अस्थाना की बेटी की शादी पर सीबीआई की नजर है. सीबीआई शादी के कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ कर रही है. इनमें सजावट करने वाले, केटरर्स, होटल मालिक आदि लोग जुड़े हैं.

साथ ही संदेशरा ग्रुप भी सीबीआई के स्कैनर के तले है, इन्हीं पर राकेश अस्थाना को रिश्वत देने का आरोप है. बता दें कि राकेश अस्थाना की बेटी की शादी काफी धूमधाम से गुजरात के वडोदरा में हुई थी. ये शादी दिसंबर, 2016 में लक्ष्मी विलास पैलेस में हुई थी.

इस शादी में सजावट का काम करने वाले मनीष ठक्कर का कहना है कि उनके पास पैसे अस्थाना के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए थे.

मामला क्या है?

गौरतलब है कि एजेंसी ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी. कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया.

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