नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल मदनलाल खुराना का शनिवार देर रात राष्ट्रीय राजधानी में निधन हो गया. 15 अक्टूबर 1936 को पाकिस्तान के फैसलाबाद में जन्मे मदनलाल खुराना 82 वर्ष के थे. वह लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे. दिल्ली बीजेपी में उनकी गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी. वह 1993 से लेकर 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे थे. साल 2004 में वह राजस्थान के राज्यपाल भी रहे. हालांकि वाजपेयी सरकार के जाने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था.
खुराना 2 साल 96 दिन तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. उन्होंने अपनी शिक्षा एविंग क्रिश्चियन कॉलेज के अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद और किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन में खुराना जनरल सेक्रेटरी रहे. यहीं से उनकी राजनीति की शुरुआत हुई. 1960 में वह संघ के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुख्य सचिव बने. राजनीति में एंट्री से पहले खुराना टीचर रहे. वह 1965 से 67 तक जन संघ के जनरल सेक्रेटरी रहे.
आज दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री मदन लाल खुराना जी
के निधन पर बहुत दुःख हुआ। पच्चीस साल पहले उनकी छत्रछाया में मैंने राजनीति में क़दम रखा।आज भी मेरे कानों में उनके प्रेरणाभरे शब्द गूँजते हैं। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
ॐ शांति pic.twitter.com/GF6H23YKX6— Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) October 27, 2018
1984 में जब भारतीय जनता पार्टी की बुरी तरह से हार हुई तब राजधानी दिल्ली में फिर से पार्टी को खड़ा करने में खुराना का बड़ा हाथ था. इसी कारण उन्हें दिल्ली का शेर भी कहा जाता था. केंद्र में जब पहली बार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनी तो मदन लाल खुराना केंद्रीय मंत्री बने.
2005 में वह लालकृष्ण आडवाणी की आलोचना के कारण उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया. 12 सितंबर 2005 में ही उन्हें फिर से पार्टी में वापस ले लिया गया. 2006 में वह फिर से बीजेपी से निकाले गए.