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B’day Special: गेंदबाजों की लेंथ बिगाड़ने में माहिर था ऑस्ट्रेलिया का यह धाकड़ बल्लेबाज

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व धाकड़ सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन सोमवार को अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया का यह खब्बू बल्लेबाज एक समय दुनिया भर के तेज गेंदबाजों के लिए खौफ का पर्याय बन गया था. हेडन को कभी भी कोई बल्लेबाज डरा नहीं सका. इसका सबूत चौदह साल के क्रिकेट करियर के दौरान हेडन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए सफलतापूर्वक निभाई सलामी बल्लेबाजी की भूमिका है.

हेडन को पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है. हेडन को क्वींसलैंड में सर्फिंग के दौरान गंभीर चोट लगी है. डन के गर्दन के नीचे फ्रेक्चर हुआ है. उनके लिगामेंट्स भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सिर में चोट आई है. वह अपने बेटे जोश के साथ सर्फिंग के लिए गए थे. हे़डन अब अपनी चोटों से काफी उबर चुके हैं. हे़डन भारत को काफी पसंद करते हैं वे आईपीएल इस साल कॉमेंट्री भी करते दिखे. वे अब भी चेन्नई सुपर किंग्स के मेंटर हैं.

उन्होंने टेस्ट और वनडे क्रिकेट में माइकल स्लेटर, मार्क टेलर, जस्टिन लेंगर, एडम गिलक्रिस्ट, मार्क वॉ, फिल जैक्स के साथ ऑस्ट्रेलियाई पारी की शुरुआत की. इनमें लंबे समय तक उनके जोड़ीदार लेंगर रहे. हेडन-लेंगर की जोड़ी ने कई टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया को बेहतरीन शुरुआत देकर अपनी टीम की जीत की नींव रखीं.

ICC Tweet on Hayden birthday in 2017
साल 2017 में हेडन को जन्मदिन की ऐसे बधाई दी थी.

380 रनों की यादगार पारी
हेडन की सबसे ज्यादा खास पारी 2003 में पर्थ टेस्ट में हेडन ने जिम्बॉब्वे के खिलाफ 380 रनों की है. यह उस समय टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे बड़ी पारी थी.   यह रिकॉर्ड ज्यादा दिन तक हेडन के नाम नहीं रह सका. ब्रायन लारा ने एक बार फिर इसे अपने नाम कर लिया, लेकिन हेडन की इस पारी की खासियत यह थी कि उन्होंने ये 380 रन 90 की स्ट्राइक रेट से बनाए थे.

लंबे समय के बाद नियमित हो सके थे हेडन
हेडन ने अपने करियर का पहले टेस्ट भले ही मार्च 1994 में खेला हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम में नियमित खिलाड़ी बनने में काफी समय लगा. 21 मार्च 1997 को सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट के बाद उन्हें तीन साल तक टीम से बाहर रहना पड़ा. इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और तीन साल दस दिनों के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ 31 मार्च 2000 को हेमिल्टन टेस्ट से टीम में वापसी की. इसके बाद वे अपने प्रदर्शन के आधार पर कभी टीम से बाहर नहीं रहे. कुछ मौकों पर वे चोटिल होकर बैंच पर बैठे, लेकिन जल्द ही वापस भी आए. हेडन की मौजूदगी से सालों-साल ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजेमेंट को सलामी बल्लेबाजी को लेकर अलग से कोई योजना नहीं बनानी पड़ी.

शानदार रिकॉर्ड है हेडन का
हेडन ने 103 टेस्ट मैचों में 30 शतक और 29 अर्धशतक के साथ 50.73 की औसत से 8625 रन बनाए. वहीं 161 वनडे मे हेडन ने 78.96 के स्ट्राइक रेट और 43.80 के औसत से, दस शतक और 36 अर्द्धशतकों की मदद से कुल 6133 रन बनाए. आज भी हेडन को कई विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया का सफलतम सलामी बल्लेबाज मानते हैं. अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के अंतिम दिनों में हेडन भले ही बेहतरीन फॉर्म में न रहे हो, लेकिन उसके बाद ही हेडन ने आईपीएल में अपना सिक्का जमाया और 2009 के आईपीएल में तो उन्होंने ऑरेंज कैप हासिल कर ली.

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