नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अयोध्या विवाद पर होने वाली सुनवाई टल गई है. सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने इस मामले को अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट अब जनवरी के पहले सप्ताह में मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा. CJI गोगोई ने इस बात को स्पष्ट किया कि अयोध्या मामले में तुरंत सुनवाई नहीं होगी.
सोमवार को अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अहम बातें जानिए…
1. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद मामला आइटम नंबर 43 के रूप में सूचीबद्ध था. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अब इस मामले की सुनवाई की तारीख अगले साल जनवरी में तय की जाएगी.
2. जनवरी में सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ही मामले की सुनवाई करेगी या इसके लिए कोई नई बेंच का गठन किया जाएगा.
3. सुप्रीम कोर्ट में जनवरी के पहले सप्ताह में अयोध्या मामले की सुनवाई की तारीख तय की जाएगी.
4. सुप्रीम कोर्ट जनवरी में यह भी तय कर सकता है कि अयोध्या मामले की सुनवाई नियमित होगी या नहीं.
5. सीजेआई रंजन गोगोई ने मामले में कहा है कि अयोध्या विवाद पर तुरंत सुनवाई नहीं होगी.
6. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर नवंबर में सुनवाई किए जाने की उत्तर प्रदेश सरकार और रामलला के वकील की मांग ठुकराई. प्रदेश की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की गंभीरता और लंबे समय से लंबित होने के आधार पर दिवाली की छुट्टी के तुरंत बाद सुनवाई का अनुरोध किया था. रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने मामले पर नवंबर में सुनवाई की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने मांग ठुकरा दी. दोनों वकीलों के बार बार जल्दी सुनवाई की मांग पर CJI जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि वे सिर्फ जनवरी के पहले सप्ताह में केस पर सुनवाई की तिथि तय करने के लिए लगाने का आदेश दे रहे है. तभी सुनवाई कौन पीठ करेगी यह तय होगा.
7. आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस अशोक भूषण और अब्दुल नजीर मामले को सुन रहे थे. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद सोमवार को हुई सुनवाई में तीनों जज पहले से अलग रहे. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अयोध्या मामला आइटम नंबर 43 के तौर पर सूचीबद्ध था.
9. आपको बता दें कि राम मंदिर के लिए होने वाले आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. इस मामले में आपराधिक केस के साथ-साथ दीवानी मुकदमा भी चला था. टाइटल विवाद से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है.
10. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या टाइटल विवाद में फैसला दिया था. फैसले में कहा गया था कि विवादित लैंड को 3 बराबर हिस्सों में बांटा जाए. जिस जगह रामलला की मूर्ति है उसे रामलला विराजमान को दिया जाए. सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए, जबकि बाकी का एक तिहाई लैंड सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाए. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
11. दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अर्जी दाखिल कर दी थी. इसके बाद इस मामले में कई और पक्षकारों ने याचिकाएं लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई करने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया थे. सुप्रीम कोर्ट में इसके बाद से ये मामला पेंडिंग है.