नई दिल्ली। राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण पर जोर देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द फसल करे. यदि कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर करे तथा श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने अपने बयान में कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त स्थान रामलाल का जन्म स्थान है. उन्होंने दावा किया कि तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहां कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया और पूर्व में वहाँ मंदिर ही था.
अरुण कुमार ने कहा कि संघ का मत है कि जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर शीघ्र बनना चाहिए तथा जन्म स्थान पर मन्दिर निर्माण के लिए भूमि मिलनी चाहिए. मन्दिर बनने से देश में सद्भावना एवं एकात्मता का वातावरण निर्माण होगा.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा, ‘इस दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला करे, और अगर कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर कर श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे.
उन्होंने कहा कि जब से यह आंदोलन प्रारंभ हुआ है, तब से पूज्य संतों और धर्म संसद के नेतृत्व में आन्दोलन चल रहा है, और उसका हमने समर्थन किया है, आगे भी वे जो निर्णय करेंगे उसमें हम उनका समर्थन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया है जो सुनवाई की तारीख तय करेगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि उचित पीठ अगले साल जनवरी में सुनवाई की आगे की तारीख तय करेगी.