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Analysis: वर्ल्ड कप से पहले ‘विराट ब्रिगेड’ की नई ताकत बन सकते हैं अंबाती रायडू और खलील अहमद

नई दिल्ली। भारतीय टीम ने सोमवार को वेस्टइंडीज पर रिकॉर्ड 224 रन से जीत दर्ज की. वैसे तो इस जीत के सबसे बड़े नायक 162 रन बनाने वाले रोहित शर्मा रहे. लेकिन टीम इंडिया की पिछली हार और आगामी सफर को देखते हुए अंबाती रायडू (100 रन) और खलील अहमद (3 विकेट) का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अधिक राहत देने वाला रहा.

भारतीय टीम दो दिन पहले पुणे में वेस्टइंडीज से 43 रन से हार गई थी. उसे यह हार कप्तान विराट कोहली के शतक के बावजूद झेलनी पड़ी. इससे टीम के मध्यक्रम की क्षमताओं पर गंभीर सवाल खड़े किए गए. अंबाती रायडू ने उन सवालों के काफी हद तक जवाब दे दिए हैं. कप्तान कोहली ने दो दिन पहले कहा था कि रायडू परिस्थितियों के मुताबिक अपना खेल बदलने में सक्षम हैं. रायडू ने अपने कप्तान की बात को अगले ही मैच में सही साबित किया.

भारत ने अंतिम 20 ओवर में बनाए 202 रन 
33 साल के अंबाती रायडू ने चौथे वनडे में जब अपनी पारी शुरू की, तब रोहित शर्मा पूरी लय में थे. रायडू ने इसका फायदा उठाया. उन्होंने शुरुआत में एक-दो रन पर फोकस किया. जब निगाहें जम गईं, तो वे भी रोहित के रंग में रंग मिलाने लगे. दोनों छोर से हमला होते ही वेस्टइंडीज की गेंदबाजी ढेर हो गई. यही कारण था कि 30 ओवर में 175 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने आखिरी 20 ओवर में 202 रन ठोक दिए. रायडू ने रोहित के साथ 211 रन की साझेदारी की.

अंबाती रायडू जगाते हैं नंबर-4 की उम्मीद 
ऐसा नहीं है कि रोहित शर्मा की पारी में कोई कमी थी. लेकिन यह कोई पहला मौका नहीं है, जब रोहित ने शानदार प्रदर्शन किया हो. दरअसल, टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर (रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली)  दुनिया में सबसे खतरनाक है. टीम इंडिया के करीब 60% रन यही तीन बल्लेबाज बनाते हैं. टॉप ऑर्डर जहां टीम का सकारात्मक पक्ष है, वहीं मिडिल ऑर्डर कमजोरी बनी हुई है. खासकर, भारत तीन साल से उस बल्लेबाज की तलाश में है, जो नंबर-4 की भूमिका पर फिट हो. रायडू ने अपने खेल से यह उम्मीद जगाई है.

नंबर-4 पर 20 महीने में पहला शतक लगा 
अंबाती रायडू जनवरी-2017 के बाद पहले बल्लेबाज हैं, जिन्होंने नंबर-4 पर शतक लगाया है. इससे पहले 2017 में युवराज सिंह और 2016 में मनीष पांडे ने नंबर-4 पर शतक लगाया था. लेकिन ना तो मनीष और ना ही युवराज जगह पक्की कर सके. अजिंक्य रहाणे, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पांड्या, केएल राहुल, मनोज तिवारी भी मौकों का फायदा नहीं उठा सके और नंबर-4 भारत की कमजोरी बना रहा. रायडू ने एशिया कप में नंबर-3 और अब वेस्टइंडीज के खिलाफ नंबर-4 पर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर भरोसा जगाया है कि वे यह कमजोरी दूर करने की क्षमता रखते हैं.

                                          खलील अहमद ने 5 ओवर के स्पेल में 13 रन देकर 3 विकेट झटके. (फोटो: PTI) 

खलील पर जाकर रुक सकती है तीसरे तेज गेंदबाज की तलाश 
अब गेंदबाजी की बात. तेज गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह का वर्ल्ड कप खेलना तय है. वे देश के दो सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है. लेकिन टीम को ऐसे तीसरे गेंदबाज की तलाश है, जिसकी गेंदबाजी में विविधता और तेजी हो. खलील अहमद का शुरुआती प्रदर्शन उम्मीद जगाता है कि यह तलाश पूरी होने वाली है. वे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं. मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में उन्होंने आउटस्विंग और इनस्विंग दोनों ही तरह की गेंदें डालीं और इन पर विकेट भी लिया. वे तीसरे तेज गेंदबाज के तौर पर अपना दावा मजबूत करते जा रहे हैं. स्पिन आक्रमण कुलदीप यादव, युजवेंद्र और रवींद्र जडेजा के हाथों में रहने की संभावना है.

धोनी की फॉर्म पर सवाल बने रहेंगे 
ऐसा भी नहीं है कि मुंबई की जीत ने टीम इंडिया की सारी चिंता दूर कर दी हैं. नंबर-4 की बल्लेबाजी की चिंता भले ही रायडू दूर करते दिख रहे हों, लेकिन विकेटीकीपर महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म पर अब भी सवाल हैं. उन्होंने चौथे वनडे में 15 गेंद पर 23 रन की छोटी और तेज पारी खेली. इसके बाद कीमो पॉल को महज 0.8 सेकंड में स्टंपिंग किया. लेकिन यह तय है कि जब तक वे कुछ मैचविनिंग पारी नहीं खेलते या फंसे हुए मैच में जीत नहीं दिलाते, तब तक उनकी बैटिंग पर सवाल बने रहेंगे.

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