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2011 विश्व कप में 11 विकेट लेने वाले मुनाफ पटेल ने कहा- अलविदा क्रिकेट

नई दिल्ली। भारत को 2011 में विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुनाफ पटेल ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अपने करियर में 13 टेस्ट, 70 वनडे और तीन टी20 इंटरनेशनल मैच खेले. 35 साल के मुनाफ ने भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन वे क्रिकेट का मैदान नहीं छोड़गे. वे आगामी टी10 लीग का हिस्सा होंगे, जिसमें वे राजपूत टीम के साथ दिखेंगे.

5 साल का रहा इंटरनेशनल करियर 
मुनाफ पटेल ने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था. इसके एक महीने बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ही पहला वनडे भी खेला. वे 2006-11 के बीच टीम इंडिया के नियमित सदस्य रहे. हालांकि, चोट के कारण उन्हें टीम से बार-बार बाहर भी होना पड़ा. उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला 2011 में खेला था. पटेल ने तीन टी20 मैच भी खेले. उन्होंने तीनों टी20 मैच 2011 में ही खेले. साल 2011 के विश्व कप में भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच एरिक सिमंस ने मुनाफ पटेल को ‘अज्ञात योद्धा’ बताया था.

उम्र हो चुकी है, फिटनेस भी पहली जैसी नहीं है
पटेल ने शनिवार को सोशल मीडिया पर संन्यास की ऐलान किया. उन्होंने कहा, ‘हैलो दोस्तो, मैं संन्यास ले रहा हूं. मुझे इस समय संन्यास लेने का कोई मलाल नहीं हैं. मैंने उन्होंने जिन खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेला है, वे सभी संन्यास ले चुके हैं. उनमें से सिर्फ धोनी ही हैं, जो अभी तक खेल रहे हैं. इसीलिए मुझे संन्यास का कोई दुख नहीं हैं. सबका समय खत्म हो चुका है. मुझे संन्यास का गम उस समय होता, जब सभी खेल रहे होते और मैं संन्यास लेता.’ पटेल ने कहा कि उनके संन्यास का कोई खास कारण नहीं है. उम्र हो चुकी है. फिटनेस भी पहली जैसी नहीं हैं. युवा मौकों का इंतजार कर रहे हैं.

वर्ल्ड कप 2011 में 11 विकेट लिए थे
मुनाफ पटेल ने कहा, ‘मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि तो यही है कि मैं 2011 विश्व कप विजेता टीम का सदस्य हूं.’ 2011 विश्व कप मैच को जब भी याद किया जाता है, मुनाफ को इंग्लैंड के खिलाफ टाई मैच का आखिरी ओवर करने के लिए याद किया जाता हैं. इंग्लैंड को 14 रन चाहिए थे. इंग्लैंड ने पहली तीन गेंदों पर 9 रन बना लिए थे और अंतिम गेंद पर दो रन की जरूरत थी. ऐसे में मुनाफ ने सिर्फ एक रन दिया और मैच टाई करवा लिया. मुनाफ ने वर्ल्ड कप-11 के आठ मैचों में कुल 11 विकेट लिए थे. वे भारत के तीसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे थे. उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ जहीर खान (21) और युवराज सिंह (15) ने लिए थे.

 

Munaf Patel

मैं अच्छा फील्डर नहीं था, आपको गुस्सा भी आया होगा 
मुनाफ पटेल ने कहा, ‘मैं अच्छा फील्डर नहीं था. मैं जानता हूं कि आपको मुझ पर कई बार गुस्सा भी आया होगा. लेकिन मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैंने हर वक्त अपना 100% योगदान दिया.

टाइल्स कंपनी में काम करते थे, 35 रुपए मिलती थी मजदूरी  
मुनाफ ने अपने शुरुआती दिनों में टाइल्स कारखाने में काम किया. वे बॉक्स में टाइल्स पैक करते और आठ घंटे की शिफ्ट के लिए 35 रुपए कमाते थे. मुनाफ कहते हैं कि ‘’पर्याप्त पैसा नहीं मिलता था, लेकिन हम क्या कर सकते थे? पिता ही एकमात्र कमाई करने वाले थे और हम स्कूल में थे. जो भी मैंने हासिल किया है वह क्रिकेट की वजह से किया. जो भी दोस्त सर्कल, पारिवारिक सर्कल है सब क्रिकेट के कारण है.

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