Friday , April 19 2024

देश को जल्द मिल सकती है पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए)

अरविंद सुब्रमण्यन का कार्यकाल इस साल अगस्त में पूरा होने के बाद से ही देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद खाली है

नई दिल्ली।  सब ठीक रहा तो देश को जल्द ही पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) मिल सकती है. सूत्राें के हवाले से द इकॉनॉमिक टाइम्स ने बताया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस बाबत कुछ नामों पर गंभीरता से विचार कर रही है. भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर बिमल जालान के नेतृत्व में बनी सर्च कमेटी इस मामले में मोदी सरकार की मदद कर रही है.

अख़बार के मुताबिक सीईए के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है उनमें पूनम गुप्ता का नाम सबसे आगे है. गुप्ता इस समय विश्व बैंक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. इससे पहले वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फायनेंस एंड पॉलिसी (एनपीएफपी) में आरबीआई की चेयर प्रोफेसर रह चुकी हैं. इस प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए अख़बार को बताया, ‘इस बार हम पूरी तरह ताज़ा चेहरा तलाश रहे हैं. इससे सरकार को आर्थिक मोर्चे पर ज़्यादा मदद मिलने की उम्मीद है.

सूत्रों के मुताबिक अगर गुप्ता की नियुक्ति बतौर सीईए होती है तो वे देश की पहली महिला मुख्य आर्थिक सलाहकार तो होंगी ही, इस पद पर बैठने वाली तीसरी शख्सियत भी होंगी जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष या विश्व बैंक के अनुभव के साथ आएंगी. इससे पहले वाले दो मुख्य आर्थिक सलाहकार- रघुराम राजन और अरविंद सुब्रमण्यन भी इसी तरह की पृष्ठभूमि से आए थे. सुब्रमण्यन का कार्यकाल अभी बीते अगस्त में ही ख़त्म हुआ है. तब से देश में मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद खाली है.

सूत्रों की मानें तो गुप्ता के अलावा दो अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है. ये हैं- साजिद चिनॉय और कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन. इनमें साजिद इस वक़्त जेपी मॉर्गन में मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री हैं. जबकि कृष्णमूर्ति इंडियन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस में प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि यूं तो माेदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में अभी छह महीने का समय ही बचा है. फिर भी वह सीईए की नियुक्ति का मन बना चुकी है क्योंकि उसे आर्थिक मोर्चे पर मदद की ज़रूरत महसूस हो रही है.

साहसी पत्रकारिता को सपोर्ट करें,
आई वॉच इंडिया के संचालन में सहयोग करें। देश के बड़े मीडिया नेटवर्क को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर इन्हें ख़ूब फ़ंडिग मिलती है। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें।

About I watch