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जम्‍मू-कश्‍मीर: फैक्‍स विवाद पर बोले सत्‍यपाल मलिक, ‘ईद के कारण कोई खाना देने वाला तक नहीं था’

नई दिल्‍ली। जम्‍मू-कश्‍मीर में पीडीपी के सरकार बनाने के दावे के नाटकीय घटनाक्रम के बीच फैक्‍स का मुद्दा गर्मा गया है. दरअसल पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन से सरकार बनाने के दावे का लेटर सबसे पहले राजभवन में फैक्‍स किया गया था लेकिन कहा जा रहा है कि वह प्राप्‍त नहीं हुआ. इस बीच पीपुल्‍स कांफ्रेंस के नेता इसके कुछ ही देर बाद बुधवार रात को राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी.

उस पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ”आज की तकनीक के दौर में यह बहुत अजीब बात है कि राज्यपाल आवास पर फैक्स मशीन ने हमारा फैक्स प्राप्त नहीं किया लेकिन विधानसभा भंग किये जाने के बारे में तेजी से बयान जारी किया गया.” उमर अब्‍दुल्‍ला ने भी इस मुद्दे पर आरोप लगाए.

इस मुद्दे पर सफाई देते हुए राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने न्‍यूज एजेंसी ANI से कहा, ”फैक्‍स कोई मुद्दा नहीं है. कल ईद थी. दोनों ही आस्‍थावान मुस्लिम हैं और उनको पता होना चाहिए कि सभी दफ्तर बंद थे. यहां तक कि मेरा रसोइया भी छुट्टी पर था…यहां तक कि यदि मैं फैक्‍स रिसीव भी कर लेता तो भी मेरा रुख यही रहता.” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्‍होंने ये भी कहा, ”कल ईद थी. राजभवन में मुझे खाना देने वाला तक कोई नहीं था. उनको (महबूबा मुफ्ती) एक दिन पहले मेरे पास आना चाहिए था.”

विधानसभा भंग करने के मुद्दे पर सत्यपाल मलिक ने कहा कि पिछले 15 दिनों से उन्हें विधायकों की खरीद फरोख्त की शिकायत मिल रही थीं. खरीद फरोख्त को खत्म करने के लिए ही उन्होंने विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी उन्हें विधायकों के खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी.

अपवित्र गठबंधन बन गया!
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य में एक अपवित्र सा गठबंधन बन गया था. उन्होंने कहा, मैं चाहता हूं कि राज्य में चुनाव हों और सरकार आम जनता की च्वाइस से बने.’

सोशल मीडिया से बनती है सरकार
न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान सत्‍यपाल मलिक ने कहा कि किसी भी द्वारा सोशल मीडिया पर गठबंधन का ऐलान करने से सरकार बनती है? पीडीपी और कांग्रेस के गठबंधन पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों में एकता थी तो वह 5 महीने पहले सरकार बनाने का दावा पेश करने क्यों नहीं आए.

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