लखनऊ । अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की धर्म संसद को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अयोध्या में VHP कार्यकर्ताओं और शिवसैनिकों के जमावड़े के सवाल पर आजम खान ने तंज करते हुए कहा कि देश के सबसे बहादुर लोग जो 6 दिसम्बर 1992 को अकेली पुरानी इमारत को गिराने में कामयाब हो गए थे, वो फिर से अपनी बहादुरी दिखा लें. छह दिसम्बर 1992 को भी एकतरफा बहादुरी हुई थी और अब फिर एकतरफा बहादुरी कर लें. ये दोनों बहादुरी इतिहास में लिखी जाएंगी.
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए खान ने कहा कि अयोध्या में फौज पहले भी लगी थी. इसमें फौज और पीएसी से मतलब नहीं होता. आदेश और हाकिम (हुक्म देने वाला) की नीयत से मतलब होता है. हाकिम खामोश तमाशाई बना हुआ है. यह बहुत बहादुरी की बात है और वो दूसरा शौर्य दिवस मनाएंगे, क्योंकि चुनाव में वोट इसी से मिलेगा. अब चुनाव का मौसम भी है.
राजस्थान के अलवर में 4 युवकों द्वारा ट्रेन का आगे छलांग लगाने की घटना का जिक्र करते हुए आजम खान ने कहा कि 4 पढ़े लिखे नौजवान बेरोजगारी से तंग आकर ट्रेन के आगे कूद गए. अगर यह घटना किसी और देश में होती, तो लोग सड़कों से तब तक वापस नहीं जाते, जब तक उतना ही खून सत्ता का न बह जाता.
उन्होंने कहा कि अब हमारे यहां इतिहास में सबसे बड़ा कारनामा 6 दिसम्बर 1992 को हुआ. अब फिर दूसरी बड़ी बहादुरी का काम हो सकता है. बाकी तो बाहर से हुक्मरान आते रहे और हम पर हुकूमते करते रहे. खान ने कहा कि उनकी यह कोर्ट को खुली चुनौती नहीं, बल्कि अधिकार है. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में तो कुछ किया नहीं है, तो अब 5 दिन में तो कुछ करके दिखाना ही पड़ेगा. भूख से मरते और बिलखते लोगों को कुछ तो दिखाना है.
आजम खान की UNO से फिर अपील- स्थिति पर रखे नजर
यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान ने कहा, ‘ऐसी स्थिति में एक बार फिर हमारी यूएनओ से अपील है कि वो इन हालात पर नजर रखे और कहीं ऐसा न हो कि 6 दिसम्बर 1992 जैसा माहौल देश में बन जाए.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा देश पूरी दुनिया को इस बात का जवाबदेह है कि उसके यहां कौन सा काम गैर-इंसानी हो रहा है. यह बात अलग है कि यूएनओ अमेरिका की कठपुतली है, लेकिन फिर भी हम एक बार चिट्ठी लिख चुके हैं. खान ने कहा कि 6 दिसम्बर 1992 को राम-जानकी रथ चला था और देश का माहौल बिगड़ गया था.
उऩ्होंने कहा कि इस महासंग्राम, संघर्ष और टकराव में मुसलमान कहीं नहीं है, क्योंकि मुसलमान अपने आपसे, अपनी व्यवस्था से और देश के लोकतंत्र से बहुत मायूस है. उसको कोई रास्ता भी नजर नहीं आता है. बहुत नाउम्मीदी और मायूसी के दौर से मुसलमान गुजर रहा है. मुसलमान बहुत अपमानजनक और जुल्म से भरी जिन्दगी गुजार रहे हैं.
जिलानी बोले- अयोध्या के मुसलमान खौफजदा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के वरिष्ठ सदस्य और वकील जफरयाब जिलानी ने अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित धर्म संसद को भाजपा और RSS की रणनीति का हिस्सा करार दिया है. जिलानी ने समाचार एजेंसी भाषा से बातचीत में कहा कि अयोध्या के मौजूदा हालात के मद्देनजर वहां के मुसलमान पिछले करीब एक हफ्ते से खौफजदा हैं. जो लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, उनसे हमने कहा है कि वो लखनऊ आज जाएं. उन्होंने कहा, ‘हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं.’
जिलानी ने दावा किया कि अयोध्या में जो भी हो रहा है, वह अदालत की अवमानना है. नियम तो यही है कि जो मामला अदालत में चल रहा हो, उसके बारे में सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया तो दूर, उसका जिक्र तक नहीं करना चाहिए. मगर अदालत को बयानों और आयोजनों के जरिए चुनौती दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी राम मंदिर बनाने के लिए बहुत गम्भीर है. वहीं, शिवसेना भाजपा को गलत साबित करने की कोशिश कर रही है. इससे अयोध्या के मुसलमान और हिन्दू सभी प्रभावित हो रहे हैं.
इकबाल अंसारी बोले- अयोध्या के लोगों को सुकून से रहने दें
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार इकबाल अंसारी ने अयोध्या में VHP की धर्म संसद के मद्देनजर किए गए सुरक्षा प्रबन्धों पर संतोष जाहिर किया, मगर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद इतनी बड़ी भीड़ जमा करने की मंशा पर सवाल भी उठाए. इकबाल अंसारी ने कहा कि अगर किसी को मंदिर-मस्जिद के मुद्दे पर कोई बात कहनी है, तो उसे दिल्ली या लखनऊ जाना चाहिए.
अंसारी ने अयोध्या में धर्म संसद के नाम पर भीड़ जमा करने की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘उन्हें विधानभवन या संसद का घेराव करना चाहिए और अयोध्या के लोगों को सुकून से रहने देना चाहिए.’ उन्होंने अयोध्या में सुरक्षा बंदोबस्त करने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरीफ की और कहा कि वह सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं.