Thursday , December 5 2024

INDvsAUS: क्रुणाल पांड्या ने खोला राज, कैसे खराब प्रदर्शन के बाद सीरीज में की वापसी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई टी20 सीरीज के तीसरे मैच में टीम इंडिया ने वापसी करते हुए मेजबान टीम को हराते हुए सीरीज 1-1 से बराबर कर खत्म की. ऑल राउंडर क्रुणाल पंड्या ने शुरूआती मुकाबले में काफी रन लुटाए लेकिन रविवार को अपने बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत सीरीज बराबर करने में भारत की मदद की, लेकिन उनका कहना है कि ब्रिसबेन में खराब प्रदर्शन के बाद खुद को प्रेरित करना बहुत मुश्किल था कि वह इस बड़े स्तर के लायक हो.

क्रुणाल ने कहा कि पहले टी20 मैच में खराब प्रदर्शन के बाद वह काफी हतोत्साहित हो गए थे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतर प्रदर्शन के लिए उन्हें बेहतरीन करने की जरूरत थी. क्रुणाल ने इस मैच में चार विकेट लिए और उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया.

करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
उन्होंने 36 रन देकर चार विकेट झटककर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया को अंतिम टी20 मैच में छह विकेट से हरा दिया. यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भी स्पिन गेंदबाज द्वारा टी20 मैच में दिया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने विश्व स्तर पर ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 मैच में एक स्पिन गेंदबाज के रूप में सबसे अधिक विकेट हासिल किए हैं. इस सूची में उन्होंने ग्लेन मैक्सवेल को पछाड़ा है. ग्लेन ने तीन विकेट हासिल किए हैं.

 

क्रुणाल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘जब आप पहला मैच ऑस्ट्रेलिया में खेलते हो तो यह बहुत मुश्किल तो होता ही और ऊपर से आप चार ओवर में 53 रन गंवा दो तो यह अधिक कठिन हो जाता है. इसलिए इससे वापसी करना आसान नहीं था. मुझे खुद का मनोबल बढ़ाने में थोड़ा समय लगा, विशेषकर जब आपने इस स्तर पर कोई मैच नहीं खेला हो.’’

ब्रिस्बेन के बाद अगले 24 घंटे काफी मुश्किल थे
क्रुणाल ने कहा, ‘‘ब्रिसबेन में 50 से ज्यादा रन गंवाना मेरे लिए काफी कठिन था और मेरे लिए अगले 24 घंटे काफी मुश्किल थे. मुझे खुद को प्रेरित करना पड़ा. जब मैं मेलबर्न में दूसरा मैच खेला तो मैं अपनी योजना को लेकर काफी स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है.’’  क्रुणाल ने कहा, ‘‘जब आप इस तरह वापसी करते हो तो यह काफी संतोषजनक होता है. आपने एक दिन खराब प्रदर्शन किया और फिर उसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ आप अच्छा करते हो तो इस संतोष और खुशी मिलती है और साथ ही यह निश्चित होता है कि आप इस स्तर के लायक हो.’’

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